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BOLLYWOOD NEWS : स्वाभिमानी सुरों का बादशाह-जब ओ.पी. नैयर ने लता से नाता तोड़ा, आशा से बनी जोड़ी और आखिरी दिनों में बेचना पड़ा अपना घर

BOLLYWOOD NEWS : The king of self-respecting music-When O.P. Nayyar broke off his relationship with Lata, he paired up with Asha and had to sell his house in his last days

नई दिल्ली : BOLLYWOOD NEWS : बॉलीवुड के स्वर्णिम युग में कई संगीतकार आए और गए, लेकिन ओ.पी. नैयर का जादू आज भी संगीत प्रेमियों के दिलों में ज़िंदा है। वो संगीतकार, जिसे शास्त्रीय संगीत की विधिवत शिक्षा कभी नहीं मिली, फिर भी जिसने अपनी धुनों और रिदम से एक अलग ही संगीत भाषा गढ़ दी। 16 जनवरी 1926 को लाहौर में जन्मे ओंकार प्रसाद नैयर, यानी ओ.पी. नैयर ने मात्र 17 साल की उम्र में संगीत की दुनिया में कदम रखा और आगे चलकर सबसे अधिक फीस पाने वाले संगीतकार बन गए।

संगीत से संघर्ष तक का सफर
BOLLYWOOD NEWS नैयर की पहली कोशिश – कबीर वाणी एचएमवी के लिए थी, जो विफल रही। लेकिन उनका प्राइवेट एल्बम ‘प्रीतम आन मिलो’ ने उन्हें पहचान दिलाई। देश विभाजन के बाद उन्हें लाहौर छोड़कर पटियाला आना पड़ा, जहां वह संगीत शिक्षक बन गए। लेकिन उनका सपना फिल्मों में संगीत देने का था। संघर्ष करते-करते वह मुंबई पहुंचे और अंततः 1952 की फिल्म ‘आसमान’ से उनकी फिल्मी पारी शुरू हुई।

लता मंगेशकर से टकराव और अलग रास्ता
BOLLYWOOD NEWS फिल्म ‘आसमान’ के दौरान लता मंगेशकर से हुए विवाद ने नैयर की दिशा ही बदल दी। एक रिकॉर्डिंग में लता की गैरहाज़िरी को नैयर ने गंभीरता से लिया और साफ़ कहा, “जो समय पर नहीं आता, उसका मेरे लिए कोई महत्व नहीं।” लता ने भी जवाब दिया, “जो व्यक्ति संवेदनशील नहीं, उसके लिए मैं नहीं गा सकती।” इसके बाद दोनों ने कभी साथ काम नहीं किया।

शमशाद, गीता और फिर आशा
BOLLYWOOD NEWS लता से दूरी के बाद नैयर ने शमशाद बेगम, गीता दत्त और आशा भोसले से गवाना शुरू किया। ‘आर-पार’, ‘मिस्टर एंड मिसेज 55’, और ‘नया दौर’ जैसी फिल्मों में आशा और नैयर की जोड़ी ने इतिहास रच दिया। उनके गीतों ने रफ़ी, शम्मी कपूर और हेलेन को नई पहचान दी। खासकर ‘उड़े जब-जब जुल्फें तेरी’ और ‘मेरा नाम चिन चिन चू’ आज भी लोगों की जुबां पर हैं।

ऊंचाइयों से गिरावट तक
BOLLYWOOD NEWS अपने करियर के शिखर पर नैयर सबसे महंगे संगीतकार बन गए थे। उन्होंने हारमोनियम, सेक्सोफोन, माउथऑर्गन से लेकर लोकधुनों तक में खूब प्रयोग किए। लेकिन समय बदला, फिल्मी दुनिया की पसंद बदली और नैयर का संगीत पीछे छूटता गया। अंत में आर्थिक तंगी ने उन्हें इस कदर घेरा कि उन्हें अपना घर तक बेचना पड़ा।

लेकिन कभी नहीं किया अपने फैसलों पर अफसोस
BOLLYWOOD NEWS ओ.पी. नैयर का जीवन जितना संगीतमय था, उतना ही स्वाभिमान से भरा हुआ भी। उन्होंने कभी भी किसी समझौते या अफसोस को अपने जीवन का हिस्सा नहीं बनने दिया। उन्होंने जो भी किया, पूरे आत्मविश्वास और गरिमा के साथ किया। ओ.पी. नैयर न सिर्फ एक संगीतकार थे, बल्कि एक विचार, एक स्टाइल और एक आंदोलन थे, जिनकी धुनें आज भी बॉलीवुड के इतिहास में गूंजती हैं।

Chhagan Sahu

नमस्कार दोस्तों, मेरा नाम छगन साहू है और मैं भारत का रहने वाला हूँ। अब मैं viralchhattisgarh.com की मदद से आपको छत्तीसगढ़ समाचार और कई अन्य चीजों से जुड़ी हर जानकारी बताने के लिए तैयार हूं। धन्यवाद

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