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Chaitra Navratri 2025 : चैत्र नवरात्रि के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की होती है उपासना, ऐसे करें मान को प्रसन्न! जाने पूजा विधि और कथा…

नई दिल्ली। Chaitra Navratri 2025 : आज चैत्र नवरात्रि का तीसरा दिन है, जो मां चंद्रघंटा को समर्पित है। मां चंद्रघंटा अपने भक्तों को सुख, शांति और समृद्धि प्रदान करने वाली देवी मानी जाती हैं। इनके मस्तक पर अर्धचंद्र सुशोभित रहता है, जिसके कारण इन्हें ‘चंद्रघंटा’ कहा जाता है। सिंह पर सवार यह देवी दुष्टों का संहार करती हैं और भक्तों को हर प्रकार के भय से मुक्ति दिलाती हैं। धार्मिक मान्यता के अनुसार, मां की पूजा से आध्यात्मिक ऊर्जा प्राप्त होती है और समस्त रोग-कष्टों का नाश होता है।

Chaitra Navratri 2025 : मां चंद्रघंटा का स्वरूप और महत्व

मां चंद्रघंटा का स्वरूप सौम्य और ममतामयी होते हुए भी असीम शक्ति से युक्त है। इनके दस हाथों में अस्त्र-शस्त्र सुशोभित हैं, जो यह दर्शाते हैं कि वे अपने भक्तों की हर विपत्ति का नाश करने के लिए सदैव तत्पर रहती हैं। इनका स्वरूप जहां शांतिदायक है, वहीं उनका सिंह पर सवार होना पराक्रम और शक्ति का प्रतीक है। मां चंद्रघंटा को ‘स्वर की देवी’ भी कहा जाता है, जो भक्तों के मन को शुद्धता और सकारात्मकता से भर देती हैं।

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Chaitra Navratri 2025 : मां चंद्रघंटा की पौराणिक कथा

पौराणिक मान्यता के अनुसार, मां दुर्गा के पहले स्वरूप को शैलपुत्री और दूसरे को ब्रह्मचारिणी कहा जाता है। मां ब्रह्मचारिणी ने भगवान शिव को पति रूप में प्राप्त करने के लिए कठिन तपस्या की थी। जब वह अपनी साधना पूर्ण कर लेती हैं, तब मां चंद्रघंटा के रूप में प्रकट होती हैं।

देवताओं पर जब महिषासुर का आतंक बढ़ने लगा और उसने स्वर्ग पर अधिकार करने के लिए युद्ध छेड़ दिया, तब देवता भगवान ब्रह्मा, विष्णु और महेश के पास पहुंचे। तीनों देवताओं के मुख से प्रकट हुई दिव्य ऊर्जा से एक देवी अवतरित हुईं। भगवान शंकर ने उन्हें त्रिशूल, भगवान विष्णु ने सुदर्शन चक्र, इंद्रदेव ने घंटा और सूर्यदेव ने अपने तेज के साथ तलवार प्रदान की। इसके बाद मां चंद्रघंटा ने महिषासुर का वध कर देवताओं को संकट से मुक्त किया।

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Chaitra Navratri 2025 : मां चंद्रघंटा की पूजा विधि

  • मां चंद्रघंटा की पूजा विशेष रूप से मन की शुद्धि और आत्मबल प्राप्त करने के लिए की जाती है। पूजा विधि इस प्रकार है:
  • प्रातः स्नान कर लाल वस्त्र धारण करें और मां की प्रतिमा के समक्ष दीप जलाएं।
  • गंगाजल या स्वच्छ जल से मां की मूर्ति का अभिषेक करें।
  • लाल फूल, फल, दूध और मिठाई अर्पित करें।
  • दुर्गा सप्तशती का पाठ करें और मां चंद्रघंटा के मंत्र का जाप करें:”ॐ देवी चंद्रघंटायै नमः”
  • अंत में मां की आरती करें और अपने परिवार के सुख-समृद्धि की कामना करें।

Chaitra Navratri 2025 : मां चंद्रघंटा की कृपा से दूर होते हैं ये कष्ट

माना जाता है कि मां चंद्रघंटा की आराधना से व्यक्ति के जीवन में आने वाले सभी प्रकार के संकट समाप्त हो जाते हैं। उनके आशीर्वाद से भक्तों को शौर्य, पराक्रम, साहस और आत्मविश्वास प्राप्त होता है। साथ ही, घर-परिवार में शांति और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।

Naveen Kumar

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