TDS NEWS : फॉर्म 15H के बावजूद ब्याज पर TDS कटा? वरिष्ठ नागरिकों को जानना चाहिए ये समाधान
TDS NEWS : TDS deducted on interest despite Form 15H? Senior citizens should know these solutions

नई दिल्ली। । TDS NEWS : रायपुर के 62 वर्षीय सेवानिवृत्त बैंक अधिकारी को उस समय बड़ा झटका लगा जब उन्होंने देखा कि फॉर्म 15H जमा करने के बावजूद उनकी बैंक ब्याज आय पर टीडीएस (टैक्स डिडक्शन एट सोर्स) काटा गया है। यह समस्या अकेले उनकी नहीं है। हर साल हजारों वरिष्ठ नागरिक ऐसी स्थिति का सामना करते हैं—जहाँ फॉर्म 15H जमा करने के बाद भी उनके खातों से TDS काट लिया जाता है।
क्या है फॉर्म 15H?
फॉर्म 15H एक स्वघोषणा फॉर्म है जिसे 60 वर्ष या उससे अधिक आयु के रिहायशी नागरिक भरते हैं। यह फॉर्म दर्शाता है कि उनकी कुल आय कर योग्य सीमा से कम है, इसलिए उनकी ब्याज आय पर TDS नहीं काटा जाना चाहिए।
क्यों कटता है फिर भी TDS?
- देरी से जमा किया गया फॉर्म
यदि फॉर्म अप्रैल के बाद जमा किया गया, तो पहले से कटे ब्याज पर TDS लग सकता है। - गलत PAN या PAN-आधार लिंकिंग में त्रुटि
यदि PAN गलत है या आधार से लिंक नहीं है, तो फॉर्म अमान्य माना जा सकता है। - बैंक की तकनीकी या प्रसंस्करण संबंधी गलती
कभी-कभी फॉर्म जमा तो हो जाता है लेकिन बैंक की प्रणाली में अपडेट नहीं होता।
समाधान क्या है?
- 1. बैंक से संपर्क करें:
संबंधित बैंक शाखा से तुरंत संपर्क कर फॉर्म जमा करने का प्रमाण दिखाएं और स्पष्टीकरण मांगें। - 2. TDS का रिफंड प्राप्त करें:
यदि कुल आय कर योग्य सीमा से कम है, तो आयकर रिटर्न (ITR) फाइल करके पूरा रिफंड प्राप्त किया जा सकता है। इसके लिए Form 26AS या AIS की जाँच करें। - 3. शिकायत दर्ज कराएं:
यदि बैंक सहयोग नहीं करता, तो बैंकिंग लोकपाल से शिकायत की जा सकती है।
भविष्य में क्या सावधानी रखें?
- हर वर्ष अप्रैल में ही फॉर्म 15H जमा करें।
इससे वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही से ही TDS कटौती से बचाव होता है। - PAN और आधार की लिंकिंग सुनिश्चित करें।
फॉर्म 15H बनाम 15G : फर्क समझें
पहलू | फॉर्म 15G | फॉर्म 15H |
---|---|---|
पात्रता | 60 वर्ष से कम निवासी | 60 वर्ष या उससे अधिक निवासी |
छूट सीमा | ₹2.5 लाख तक | ₹3 लाख तक |
कौन भर सकता है | व्यक्ति, HUF, ट्रस्ट (निवासी) | केवल निवासी वरिष्ठ नागरिक |
अगर आप एक वरिष्ठ नागरिक हैं और आपकी आय कर योग्य सीमा से कम है, तो फॉर्म 15H समय पर और सही तरीके से भरकर जमा करना न केवल TDS से आपको बचा सकता है, बल्कि अनावश्यक कागज़ी कार्यवाही और रिफंड प्रक्रिया से भी मुक्ति दिला सकता है।