National

Makar Sankranti: 2000 साल से भी पुराना है पतंगबाजी का इतिहास, जानिए कब और कैसे शुरू हुई ये प्रथा

Makar Sankranti: 2000 साल से भी पुराना है पतंगबाजी का इतिहास, जानिए कब और कैसे शुरू हुई ये प्रथा

नई दिल्ली | Makar Sankranti : कल, यानी 14 जनवरी को देशभर में मकर संक्रांति (Makar Sankranti) का पर्व मनाया जाएगा। यह पर्व हिंदू धर्म में विभिन्न राज्यों में अलग-अलग नामों से मनाया जाता है, लेकिन सभी रूपों में इसकी एक समानता है — यह सूर्य के मकर राशि में प्रवेश (संक्रांति) से जुड़ा है और सूर्य देवता को समर्पित है। यह पर्व विज्ञान, अध्यात्म और कृषि से संबंधित कई पहलुओं से जुड़ा हुआ है।

विभिन्न राज्यों में इसे अलग-अलग रीति-रिवाजों और परंपराओं के साथ मनाया जाता है, लेकिन इसका भारतीय संस्कृति में एक महत्वपूर्ण स्थान है। आइए जानते हैं इस पर्व का महत्त्व और इसका इतिहास। Makar Sankranti

READ MORE: CG News : बीएड डिग्रीधारियों का महीनों से प्रदर्शन! 3000 परिवारों का भविष्य संकट में, CM को बताया पत्थर दिल…

पतंगबाजी की शुरुआत

पतंग का इतिहास दो हजार साल से भी पुराना है। माना जाता है कि पतंग का आविष्कार चीन के “शानडोंग” क्षेत्र में हुआ था, जिसे पतंग का घर भी कहा जाता है। एक कथा के अनुसार, एक चीनी किसान अपनी टोपी को हवा में उड़ने से बचाने के लिए उसे रस्सी से बांधकर रखता था, इसी सोच से पतंग का आविष्कार हुआ। पतंग के निर्माण का श्रेय चीनी दार्शनिक “हुआंग थेग” को जाता है, जिन्होंने ईसा पूर्व तीसरी सदी में इसे बनाया। Makar Sankranti

मकर संक्रांति पर खिचड़ी क्यों बनाई जाती है?

मकर संक्रांति पर खिचड़ी बनाने की परंपरा कई धार्मिक, सांस्कृतिक और वैज्ञानिक कारणों से जुड़ी है। इसे सूर्य और शनि ग्रह से जोड़ा जाता है। मान्यता है कि इस दिन खिचड़ी खाने से घर में सुख-समृद्धि आती है। खिचड़ी दाल, चावल और सब्जियों से बनती है, जो एक संतुलित और पौष्टिक आहार है। यह सर्दियों में शरीर को गर्मी और ऊर्जा प्रदान करता है। खिचड़ी के साथ तिल और गुड़ का सेवन भी किया जाता है, जो पाचन और स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होता है। मकर संक्रांति पर खिचड़ी दान करना भी शुभ माना जाता है, और इस परंपरा का उल्लेख प्राचीन ग्रंथों में भी किया गया है। Makar Sankranti

READ MORE: CG Politics : ज्यादा हेकड़ी दिखाओगे तो पुलिस बुलाकर फेंकवा दूंगा, उद्योग मंत्री का महिलाओं को धमकी भरा बयान, वीडियो वायरल, पूर्व सीएम ने कही ये बात

मकर संक्रांति कैसे और कहां मनाई जाती है?

तमिलनाडु

उत्तर भारत की तरह, दक्षिण भारत में भी मकर संक्रांति का पर्व मनाया जाता है, लेकिन इसका रूप और परंपराएं अलग होती हैं। तमिलनाडु में मकर संक्रांति पोंगल के रूप में मनाई जाती है, जो चार दिनों तक चलता है। इस दौरान किसान अपने बैलों को सजाकर उनकी पूजा करते हैं और कृषि से जुड़ी अन्य चीजों की पूजा करते हैं। यह त्योहार कृषि उत्पादकता और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है।

READ MORE: Sad News : छोटी सी लापरवाही… और बच्चे की चली गई जान! पतंग लूटने के दौरान ट्रैक्टर से टकराया 8 साल का मासूम, मौके पर ही मौत

केरल, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश

केरल में मकर संक्रांति को मकर विलक्कू कहा जाता है, और इस दिन सबरीमाला मंदिर के पास मकर ज्योति आकाश में प्रकट होती है, जिसे लोग देखना शुभ मानते हैं। कर्नाटक में इसे एलु बिरोधु कहा जाता है, जहां महिलाएं गन्ना, तिल, गुड़ और नारियल से बनी चीजों का आदान-प्रदान करती हैं। आंध्र प्रदेश में मकर संक्रांति तीन दिनों तक मनाई जाती है, और इस दौरान पुरानी चीजों को फेंककर नई चीजों का स्वागत किया जाता है। Makar Sankranti

READ MORE: Health Tips : सर्दी के मौसम में रोज पीएं तुलसी पत्तियों की चाय, मिलेंगे कई गजब के फायदे, पढ़े पूरी खबर…

पंजाब, गुजरात, राजस्थान और मध्यप्रदेश

पंजाब में मकर संक्रांति माघी के रूप में मनाई जाती है, और इस दिन श्री मुक्तसर साहिब में मेला लगता है, जहां लोग नाचते-गाते हैं। यहां खिचड़ी, गुड़ और खीर खाने की परंपरा है। गुजरात में इसे उत्तरायण के रूप में मनाया जाता है, जो दो दिनों तक चलता है, और इस दौरान काइट फेस्टिवल आयोजित होता है। गुजरात में उंधियू और चिक्की जैसे विशेष व्यंजन भी खाए जाते हैं। राजस्थान और गुजरात में इसे संक्रांत कहा जाता है, जहां महिलाएं 13 विवाहित महिलाओं को घर, श्रृंगार या भोजन से संबंधित चीजें देती हैं। Makar Sankranti

READ MORE: BIG BREAKING : घर में मिली भाई-बहन की लाश, इलाके में फैली सनसनी, पुलिस की टीम मौके पर पहुंची

Chhagan Sahu

नमस्कार दोस्तों, मेरा नाम छगन साहू है और मैं भारत का रहने वाला हूँ। अब मैं viralchhattisgarh.com की मदद से आपको छत्तीसगढ़ समाचार और कई अन्य चीजों से जुड़ी हर जानकारी बताने के लिए तैयार हूं। धन्यवाद

Related Articles

Back to top button