Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट का आदेश: पत्नी को 5 करोड़ रुपये गुजारा भत्ता और बच्चे के लिए 1 करोड़, अतुल सुभाष केस के बीच फैसला
Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट का आदेश: पत्नी को 5 करोड़ रुपये गुजारा भत्ता और बच्चे के लिए 1 करोड़, अतुल सुभाष केस के बीच फैसला

Supreme Court: बेंगलुरु: बेंगलुरु के एआई इंजीनियर अतुल सुभाष के आत्महत्या मामले के बीच, सुप्रीम कोर्ट ने एक अन्य मामले में पति को पत्नी को पांच करोड़ रुपये का गुजारा भत्ता देने का आदेश दिया है। कोर्ट ने यह फैसला एक मामले की सुनवाई के दौरान दिया, जिसमें पति को पत्नी को एकमुश्त पांच करोड़ रुपये का स्थायी गुजारा भत्ता देने का निर्देश दिया गया है। साथ ही, बच्चे के लिए एक करोड़ रुपये का प्रावधान करने को कहा गया है। यह फैसला अतुल सुभाष के सुसाइड मामले के संदर्भ में आया, जिसमें अतुल ने अपनी पत्नी द्वारा दायर मामलों से परेशान होकर आत्महत्या कर ली थी। अतुल के सुसाइड नोट में कई चौंकाने वाले आरोप भी थे।
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Supreme Court: लाइव लॉ के अनुसार, जिस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने यह आदेश दिया, उसमें पति और पत्नी लगभग 20 वर्षों से अलग रह रहे थे, और शादी के बाद केवल छह साल तक साथ रहे। पत्नी का आरोप था कि पति का व्यवहार उसके प्रति अच्छा नहीं था, जबकि पति का कहना था कि पत्नी असंवेदनशील थी और परिवार के प्रति उदासीन थी। इतने लंबे समय से अलग रहने के कारण अदालत ने माना कि उनकी शादी पूरी तरह से टूट चुकी है। इस मामले में कई अंतरिम भरण-पोषण से जुड़े मुद्दे थे, लेकिन कोर्ट ने फैसला सुनाया कि चूंकि शादी पूरी तरह से खत्म हो चुकी है, इसलिए पत्नी को स्थायी गुजारा भत्ता देना जरूरी है।
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Supreme Court: सुनवाई के दौरान कोर्ट ने यह भी कहा कि स्थायी गुजारा भत्ता की राशि इस तरह तय की जानी चाहिए कि पति को दंडित न किया जाए, बल्कि पत्नी के लिए एक सभ्य जीवन स्तर सुनिश्चित किया जाए। कोर्ट ने पांच करोड़ रुपये के गुजारा भत्ते का निर्देश देते हुए साल 2021 के रजनीश बनाम नेहा और 2024 के अनीश प्रमोद पटेल और ज्योत मैनी के मामलों का भी उल्लेख किया। कोर्ट ने गुजारा भत्ता की राशि तय करने के लिए कुछ कारण भी बताए, जैसे कि पक्षकारों की सामाजिक और वित्तीय स्थिति, पत्नी और बच्चों की जरूरतें, पति की रोजगार स्थिति, उसकी स्वतंत्र आय या संपत्ति, और पत्नी के वैवाहिक जीवन स्तर को ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया गया।