Supreme Court News : सुप्रीम कोर्ट का अहम फैसला: पत्नी को भरण-पोषण का अधिकार, भले ही वह पति के साथ न रहे
Supreme Court News : सुप्रीम कोर्ट का अहम फैसला: पत्नी को भरण-पोषण का अधिकार, भले ही वह पति के साथ न रहे

Supreme Court News : सुप्रीम कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में कहा है कि पत्नी को भरण-पोषण का हक तब भी मिल सकता है, जब वह पति के साथ रहने से इनकार कर दे, बशर्ते महिला के पास वैध और उचित कारण हो। इस निर्णय के तहत, कोर्ट ने यह स्पष्ट किया कि पत्नी को भरण-पोषण देने से पति तब तक मुक्त नहीं हो सकता जब तक महिला के पास पति के साथ रहने के आदेश का पालन न करने का ठोस कारण हो।
Supreme Court News : यह मामला झारखंड हाई कोर्ट के अगस्त 2023 के फैसले से संबंधित था, जिसमें महिला को भरण-पोषण देने से मना कर दिया गया था, क्योंकि उसने पति के साथ रहने का आदेश नहीं माना था। हाई कोर्ट ने कहा था कि अगर पत्नी पति के साथ नहीं रहती, तो उसे भरण-पोषण का हक नहीं है। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने इस फैसले को खारिज करते हुए कहा कि महिला के साथ बुरा बर्ताव किया गया था और उसकी वापस न आने की वजह को कोर्ट ने उचित माना।
Supreme Court News : क्या था पूरा मामला?
Supreme Court News : 1 मई 2014 को एक जोड़े की शादी हुई, लेकिन अगस्त 2015 में उनका रिश्ता टूट गया। पति ने दावा किया कि पत्नी 21 अगस्त 2015 को घर छोड़कर चली गई और फिर कभी नहीं आई। पत्नी ने आरोप लगाया कि उसे मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया और उससे पांच लाख रुपये की मांग की गई। इसके अलावा, उसने यह भी बताया कि पति का विवाहेतर संबंध था और गर्भपात के बाद भी वह उससे मिलने नहीं गए।
Supreme Court News : फैमिली कोर्ट ने 23 मार्च 2022 को दोनों को साथ रहने का आदेश दिया, लेकिन पत्नी ने इसे न मानते हुए भरण-पोषण के लिए हाई कोर्ट में अपील की। झारखंड हाई कोर्ट ने उसे भरण-पोषण का हकदार नहीं माना, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस फैसले को पलटते हुए महिला को भरण-पोषण का हक दिया।
Supreme Court News : सुप्रीम कोर्ट का फैसला
Supreme Court News : सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि भरण-पोषण का फैसला मामले की विशेष परिस्थितियों पर निर्भर करेगा और इसे पत्नी के पति के साथ रहने या न रहने से नहीं जोड़ा जाएगा। कोर्ट ने फैमिली कोर्ट द्वारा 10 हजार रुपये भरण-पोषण के आदेश को बहाल किया और कहा कि यह राशि तीन किस्तों में दी जाएगी।