Shubman Gill : शुभमन गिल के पिता का त्याग! बेटे को क्रिकेटर बनाने के लिए छोड़ा अपना घर, किया हर संभव संघर्ष
Shubman Gill : Shubman Gill's father's sacrifice! Left his home to make his son a cricketer, struggled in every possible way

नई दिल्ली | Shubman Gill : गुजरात टाइटंस के ओपनिंग बैट्समैन शुभमन गिल आईपीएल 2023 में टॉप परफॉर्मर के रूप में उभरे हैं। 23 वर्षीय शुभमन अपनी बेहतरीन बल्लेबाजी और प्रतिभा के लिए हर तरफ सराहे जा रहे हैं। लेकिन इस मुकाम तक पहुंचने के लिए उन्होंने कड़ी मेहनत और संघर्ष किया है। उनकी सफलता के पीछे उनके परिवार, विशेष रूप से उनके पिता का बड़ा योगदान रहा है, जिन्होंने हमेशा उन्हें सही दिशा में मार्गदर्शन दिया। Shubman Gill
शुभमन के पिता लखविंदर सिंह, जो कि एक किसान हैं, बताते हैं कि उनके बेटे की क्रिकेट में रुचि बचपन से ही थी। शुभमन को कभी भी दूसरे खिलौनों में दिलचस्पी नहीं थी, बल्कि वह हमेशा बैट और बॉल के साथ ही खेलते रहते थे। यहां तक कि सोते वक्त भी वह बैट और बॉल अपने पास रखते थे। उनकी क्रिकेट के प्रति यह दीवानगी ही थी, जिसने उन्हें इस ऊंचाई तक पहुंचाया।
अपने बेटे को बेहतर क्रिकेट ट्रेनिंग देने के लिए लखविंदर सिंह ने 2007 में फाजिल्का जिले से मोहाली शिफ्ट होने का फैसला किया। उनका गांव मोहाली से करीब 300 किलोमीटर दूर था, लेकिन सुविधाओं की कमी के कारण उन्हें मोहाली आकर बसना पड़ा। Shubman Gill
READ MORE : CG News : छत्तीसगढ़ में आदिवासी युवती से दुष्कर्म, न्याय के लिए काट रही थाने के चक्कर
शुभमन के पिता बताते हैं कि उनके पूरे परिवार ने बेटे के क्रिकेटर बनने के सपने को समर्थन दिया। वे पिछले 15 वर्षों से उसे वर्ल्ड-क्लास क्रिकेटर बनाने के लिए मेहनत कर रहे हैं। उन्होंने अपने काम तक छोड़ दिए और परिवार के कई कार्यक्रमों में शामिल नहीं हुए ताकि शुभमन की ट्रेनिंग पर पूरा ध्यान दे सकें।
लखविंदर सिंह ने खुद शुभमन की प्रैक्टिस पर फोकस किया और उन्हें रोज 500 से 700 गेंदें खिलाने के साथ-साथ बॉलिंग भी सिखाई। इस कठिन ट्रेनिंग और समर्पण ने शुभमन को एक बेहतरीन खिलाड़ी बना दिया। आज शुभमन की सफ लता से उनके माता-पिता बेहद गर्व महसूस करते हैं। जब शुभमन घर आते हैं, तो उनकी मां उनके लिए पंजाबी खाना बनाती हैं। Shubman Gill
READ MORE : Ajab-Gajab : नशे में धुत व्यक्ति के ऊपर से गुजरी मालगाड़ी, फिर भी बची जान…रेलवे अधिकारी और लोग हुए दंग
शुभमन और उनके परिवार की यह कहानी हमें सिखाती है कि अगर आप अपने सपने के प्रति समर्पित हैं और परिवार का समर्थन भी मिल जाए, तो सफलता अवश्य मिलेगी। इसके अलावा, माता-पिता को बच्चों पर करियर का दबाव नहीं बनाना चाहिए, बल्कि उन्हें अपने फैसले खुद लेने देने चाहिए। Shubman Gill