Big Breaking : तीन नक्सलियों ने छोड़ा आतंक का साथ, आईजी के सामने किया सरेंडर

गरियाबंद। Big Breaking : गरियाबंद में लंबे समय बाद तीन सक्रिय नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है। खास बात यह है कि उन्होंने अपने हथियारों समेत आत्मसमर्पण किया। एडीजी विवेकानंद सिन्हा, आईजी अमरेश मिश्रा और सीआरपीएफ के वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में एसडीके एरिया कमेटी के डिप्टी कमांडर दिलीप उर्फ संतु ने ऑटोमैटिक हथियार के साथ समर्पण किया। उनके साथ दो महिला नक्सली, मंजुला उर्फ लखमी और सुनीता उर्फ जूमकी ने भी आत्मसमर्पण किया। इन तीनों पर कुल 15 लाख रुपये का इनाम घोषित था।
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Big Breaking : आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों ने खुलासा किया कि सुरक्षा बलों की लगातार कार्रवाई, सरकार की पुनर्वास नीति और बढ़ते दबाव के चलते उन्होंने यह कदम उठाया। डिप्टी कमांडर दिलीप ने बताया कि भालू डिगी मुठभेड़ के बाद से नक्सली संगठन में दहशत का माहौल है। उन्होंने कहा, “बड़े नेता भले ही आत्मसमर्पण न करें, लेकिन छोटे नक्सली अब घबराने लगे हैं। हमें किसी तरह पुलिस का नंबर मिला और हमने मदद मांगी। हम लगातार भागते रहे, लेकिन सुरक्षा बलों के बढ़ते सर्च ऑपरेशन से दबाव बढ़ता गया।”
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तीनों नक्सलियों ने स्वीकार किया कि लगातार ठिकाने बदलने, मुठभेड़ों के डर और भोजन-पानी की कमी के कारण उनके लिए जंगल में टिके रहना मुश्किल हो गया था। डिप्टी कमांडर दिलीप ने बताया कि एक मुठभेड़ में उसे गोली लगी थी, लेकिन पुलिस ने उसका इलाज कराया, जिससे उसका नजरिया बदल गया।
Big Breaking : छत्तीसगढ़ सरकार की पुनर्वास नीति का असर अब दिखने लगा है। समर्पण करने वाले नक्सलियों को सरकार से सुरक्षा, पुनर्वास और रोजगार के अवसर मिलेंगे। अधिकारियों का मानना है कि आने वाले समय में और भी नक्सली सरेंडर कर सकते हैं।