Rohit Sharma : रोहित शर्मा के टेस्ट रिटायरमेंट का निर्णय चीफ सिलेक्टर के हवाले, BCCI सचिव करेंगे BGT की समीक्षा
Rohit Sharma : रोहित शर्मा के टेस्ट रिटायरमेंट का निर्णय चीफ सिलेक्टर के हवाले, BCCI सचिव करेंगे BGT की समीक्षा
Rohit Sharma : टीम इंडिया को हाल ही में समाप्त हुई पांच मैचों की बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में 3-1 से हार का सामना करना पड़ा। इस जीत के साथ ऑस्ट्रेलिया ने 10 साल बाद इस प्रतिष्ठित सीरीज को अपने नाम किया। भारत के बल्लेबाज, खासकर विराट कोहली और रोहित शर्मा, का प्रदर्शन निराशाजनक रहा। वहीं, आर अश्विन ने बीच सीरीज में रिटायरमेंट का ऐलान कर दिया था, और अंतिम टेस्ट मैच में रोहित शर्मा ने खुद को टीम से बाहर कर लिया। इस कारण उनके रिटायरमेंट की चर्चा भी जोरों पर है, जिसे बीसीसीआई जल्द ही सुलझा सकता है।
Rohit Sharma : हालांकि रोहित शर्मा ने सिडनी टेस्ट के दौरान यह कहा था कि वह अभी क्रिकेट से रिटायर नहीं हो रहे हैं और टेस्ट क्रिकेट को छोड़ने का कोई विचार नहीं है, लेकिन बीसीसीआई के चीफ सिलेक्टर अजीत आगरकर और अंतरिम सचिव देवजीत सैकिया उनके भविष्य पर एक महत्वपूर्ण फैसला ले सकते हैं। हिन्दुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, बीसीसीआई सचिव देवजीत सैकिया टीम इंडिया मैनेजमेंट और चीफ सिलेक्टर के साथ एक मीटिंग आयोजित कर सकते हैं, जिसमें बीजीटी में टीम की प्रदर्शन की समीक्षा की जाएगी।
Rohit Sharma : इस मीटिंग में रोहित शर्मा के टेस्ट करियर पर भी चर्चा हो सकती है। रोहित ने पहले कहा था कि वह कहीं नहीं जा रहे हैं, लेकिन अब यह फैसला अजीत आगरकर और चयन समिति के हाथ में है। रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि रोहित ने WTC 2025 फाइनल में क्वालिफाई करने का एक अंतिम मौका पाने के लिए खुद को अंतिम टेस्ट से बाहर किया था, लेकिन सिडनी में भारत की हार के बाद फाइनल में पहुंचने के सारे रास्ते बंद हो गए थे।
Rohit Sharma : बीसीसीआई के एक अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर कहा, “रोहित अब यह देख रहे थे कि क्या भारत WTC फाइनल में जगह बना पाता है। अब यह उनके ऊपर निर्भर करता है कि वह जगह बनाने के लिए संघर्ष करना जारी रखते हैं या नहीं, लेकिन अंतिम निर्णय अजीत आगरकर और उनकी चयन समिति को लेना है।” भारत की अगली टेस्ट सीरीज जून के अंत में इंग्लैंड के खिलाफ शुरू होगी। इस दौरान रोहित शर्मा और विराट कोहली अपनी लय हासिल कर पाएंगे या नहीं, यह भी सवालिया है, क्योंकि भारत के लिए रेड बॉल क्रिकेट हाल के वर्षों में एक चुनौती बन चुका है।