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Snake News: सांप के काटने पर सरकार को क्यों देनी होगी जानकारी, भारत में हर घंटे में इतने लोगों की मौत ? जानिए पूरा मामला

Snake News: सांप के काटने पर सरकार को क्यों देनी होगी जानकारी, भारत में हर घंटे में इतने लोगों की मौत ? जानिए पूरा मामला

Snake News: दुनिया भर में सांपों की करीब 3 हजार प्रजातियां पाई जाती हैं. इसमें से 725 प्रजातियां विषैली होती हैं. इन 725 विषैली प्रजातियों के सांपों में भी 250 प्रजातियों के सांप ऐसे होते हैं, जिनके काटने से व्यक्ति की कुछ ही देर में मौत हो सकती है. भारत में सांप की 310 से ज्यादा प्रजातियां हैं. जिनमे सिर्फ 66 प्रजातियां ही जहरीली या हल्की जहरीली होती है.

Snake News: 23 प्रजातियों को चिकित्सीय महत्व का माना जाता है क्योंकि उनका जहर जान ले सकता है. 4 प्रजातिया जिन्हें ‘बिग 4’ के नाम से जाना जाता है वो देश में लगभग 90% सर्पदंश का कारण बनते हैं. इन 4 चार प्रजातियों में – कॉमन करैत, इंडियन कोबरा, रसेल वाइपर और सॉ स्केल्ड वाइपर शामिल है .

Snake News: एक रिसर्च के मुताबिक हर साल भारत में सांप के काटने से लगभग 58000 लोगों की जान चली जाती है. यकीनन यह आंकड़ा चिंताजनक है. पूरी दुनिया भर में मौतों के आंकड़े पर नजर डालें तो सांप के काटने से होने वाली कुल मौतें 80000 से 130000 में भारत का हिस्सा सबसे ज्यादा है. यही वजह है कि भारत को स्नेक बाइट कैपिटल ऑफ़ द वर्ल्ड कहा जाता है.

Snake News: वहीं इंडियन मिलियन डेथ स्टडी 2020 के अनुसार, भारत में हर घंटे सांप के काटने से करीब छह लोगों की मौत हो जाती है। सांपो के काटने के मामलों को देखते हुए सरकार ने सांप के काटने को सूचित करने योग्य बीमारी यानी नोटीफिएबल डिजीज की कैटेगरी में शामिल कर लिया है.

Snake News: नोटिफिएबल डिजीज उन्हें कहते हैं जिनसे महामारी फैलने, बड़े पैमाने पर मौतें होने की आशंका रहती है. इनमें वे बीमारियां भी शामिल की जाती हैं जिनके बारे में जल्द से जल्द जांच करने की जरूरत होती है. हर राज्य में अधिसूचित रोगों की सूची अलग-अलग होती है. हालांकि, उनमें से अधिकांश टीबी, एचआईवी, हैजा, मलेरिया, डेंगू और हेपेटाइटिस जैसे संक्रमणों को नोटिफिएबल मानते हैं.

Snake News: दरअसल एक सांप के काटते ही उसका जहर खून में मिलने लगता है और पूरे शरीर में फैल जाता है. इस दौरान नसें डैमेज होने लगती हैं जिस वजह से दिल और फेफड़े को लकवा मार जाता है. समय पर इलाज न होने की स्थिति में मरीज के मौत की भी आशंका रहती है. स्नेक बाइट से होने वाली मौतों या किसी गंभीर शारीरिक समस्या को पैदा होने से रोकने के लिए मरीज को एंटीवेनम देने की जरूरत होती है.

Snake News: सांपों का ज़हर कितना जहरीला होता है इसका अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि जून 2017 में वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाइजेशन में सर्पदंश से फैलने वाले जहर को नेगलेक्टेड ट्रॉपिकल डिजीज की प्रायरिटी लिस्ट में डाला गया था.

Snake News: तो आखिर ऐसे में सांप के काटने की जानकारी सरकार को देना क्यों जरूरी है.सरकार के इस कदम के क्या मायने हैं और ये कैसे मददगार साबित हो सकता है चलिए आपको बताते हैं.

Snake News:दरअसल भारत सरकार सांप के काटने से होने वाली मौतों को साल 2030 तक वन हेल्थ अप्रोच के जरिए आधा करने का लक्ष्य तय कर रही है.नोटीफायबल डिजीज की लिस्ट पर शामिल करने से इस तरह के मामलों में सही निगरानी हो सकेगी. और पूरे भारत में सर्पदंश उसके मामलों और मौतों को लेकर सटीक संख्या तय करने में भी मदद मिलने की पूरी उम्मीद की जा रही है. इस जानकारी के इस्तेमाल से सरकार न सिर्फ सांप काटने के बढ़ते मामलों को नियंत्रित करने की कोशिश करेगी बल्कि देश के अलग-अलग क्षेत्र में एंटी वेनम उपलब्ध कराए जाने की भी व्यवस्था की जाएगी जहां सर्पदंश के मामले अक्सर ज्यादा पाए जाते हैं.

 

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Snake News:सर्पदंश के आंकड़ों की कमी से बचाव में सबसे बड़ी बाधा आती है, भारत में सर्पदंश के प्रभाव के बारे में बहुत कम आंकड़े उपलब्ध हैं. इसकी एक वजह है कि कई पीड़ित अस्पतालों के बजाय आस्था के अनुसार उपचार करवाते हैं और ये संख्याएं आधिकारिक डेटा में दर्ज नहीं हो पाती.

Snake News: नेशनल एक्शन प्लान फॉर प्रिवेंशन एंड कंट्रोल ऑफ स्नेकबाइट के अनुसार, जो लोग वनांचल, ग्रामीण, पहाड़ी या शहरी इलाकों में ग्राउंड फ्लोर पर रहते हैं, उन्हें सर्पदंश का सबसे ज्यादा खतरा रहता है. भारत में स्नेक बाईट के सबसे ज्यादा मामले बिहार, उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश, झारखंड, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, आंध्र प्रदेश राजस्थान, गुजरात और तेलंगाना से आते हैं.

 

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Mahendra Sahu

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