
फतेहपुर। Crime : उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले का अखरी गांव मंगलवार को गोलियों की तड़तड़ाहट से दहल उठा। जहां हथगाम थाना क्षेत्र के इस गांव में पंचायत की राजनीति ने ऐसी हिंसक करवट ली कि प्रधान परिवार की एक पीढ़ी ही खत्म हो गई। गांव की वर्तमान प्रधान के दो बेटे और एक पौत्र की गोलियों से हत्या कर दी गई। इस घटना ने न सिर्फ गांव को, बल्कि पूरे जिले को झकझोर कर रख दिया।
Crime : घटना सुबह उस वक्त हुई जब अनूप सिंह, उनके बड़े भाई विनोद सिंह और भतीजा अभय प्रताप सिंह खेत जा रहे थे। तभी रास्ते में घात लगाकर बैठे पूर्व प्रधान सुरेश सिंह उर्फ मुन्नू और उसके बेटे पीयूष समेत छह लोगों ने ट्रैक्टर से उतरकर ताबड़तोड़ गोलियां चलाईं। तीनों की मौके पर ही मौत हो गई। आरोपी स्कॉर्पियो में सवार होकर भाग निकले।
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Crime : पुलिस सक्रिय, लेकिन ग्रामीणों में गुस्सा
हत्या के बाद गांव में कोहराम मच गया। ग्रामीणों ने शवों को घंटों उठने नहीं दिया। जब तक एसपी धवल जायसवाल मौके पर नहीं पहुंचे और सख्त कार्रवाई का आश्वासन नहीं दिया, तब तक हालात बेकाबू रहे। पुलिस ने तीन हत्यारोपियों को गिरफ्तार किया है और अन्य की तलाश के लिए 10 टीमें गठित कर दी गई हैं। गांव में भारी पुलिस बल और पीएसी तैनात कर दी गई है।
Crime : राशन की दुकान बना सियासी जंग का कारण
कहानी की जड़ें वहीं से शुरू होती हैं जब मुन्नू सिंह का प्रधानी पर से दबदबा खत्म हुआ। पप्पू सिंह, जो मौजूदा प्रधान के पति हैं, ने न सिर्फ प्रधानी का चुनाव जीत लिया, बल्कि मुन्नू के करीबी की राशन की दुकान की शिकायत कर कोटा भी बंद करवा दिया। यह दुकान गांव में ही सत्ता और रसूख बन चुकी थी।
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Crime : पप्पू सिंह ने न केवल राशन की दुकान छीन ली, बल्कि पूर्व प्रधान के अवैध कब्जे वाली सरकारी ज़मीन की पैमाइश भी करवा दी। धीरे-धीरे वह उस सत्ता को चुनौती देने लगे जो गांव में तीन दशक से जमी हुई थी। मुन्नू सिंह के परिवार में चार बार प्रधानी रही, लेकिन अब हालात पूरी तरह बदल चुके थे।