Earthquake aftershock : 1000 घर जमींदोज, 126 मौतें, भूकंप का कहर, 3 घंटे में 50 झटके
Earthquake aftershock : 1000 घर जमींदोज, 126 मौतें, भूकंप का कहर, 3 घंटे में 50 झटके

Earthquake aftershock : तिब्बत में आए भूकंप और उसके बाद के ऑफ्टरशॉक्स ने भारी तबाही मचाई है, जिससे सैकड़ों घर जमींदोज हो गए हैं और दर्जनों लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। तिब्बत में इस भयंकर भूकंप के कारण अब तक 126 लोगों की मौत हो चुकी है। भूकंप का केंद्र टिंगरी गांव था, जिसे एवरेस्ट का उत्तरी द्वार माना जाता है। यह गांव समुद्रतल से हजारों फीट ऊंचाई पर स्थित है, और यहां के करीब 80 किलोमीटर दूर भूकंप का केंद्र था। भूविज्ञानियों के मुताबिक, यह भूकंप जमीन से करीब दस किलोमीटर नीचे आया था, और इसके बाद आए लगातार ऑफ्टरशॉक्स ने तामाम तबाही मचाई। रिपोर्ट्स के अनुसार, तीन घंटे में 50 से अधिक बार धरती कांपी।
Earthquake aftershock: तिब्बत, जो कि दुनिया का सबसे ऊंचाई वाला क्षेत्र है, समुद्रतल से 13,000 से 16,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। यह पहाड़ी क्षेत्र होने के कारण यहां भूकंप से होने वाली तबाही का असर अधिक होता है। अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण के मुताबिक, भूकंप की तीव्रता 7.1 थी। भूकंप के झटके नेपाल, भारत और बांग्लादेश तक महसूस किए गए। चीन के अधिकारियों का कहना है कि यह भूकंप पिछले पांच सालों में 200 किलोमीटर के दायरे में आने वाला सबसे शक्तिशाली भूकंप था।
Earthquake aftershock: इस भूकंप से तिब्बत में भारी जान-माल का नुकसान हुआ है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस भूकंप के कारण लगभग 1000 घर पूरी तरह से तबाह हो गए हैं। सबसे बड़ी तबाही ऑफ्टरशॉक्स की वजह से हुई, क्योंकि तीन घंटे के भीतर 50 से ज्यादा आफ्टरशॉक महसूस किए गए।
Earthquake aftershock: नेपाल और तिब्बत क्षेत्र भूकंप के लिहाज से काफी संवेदनशील हैं। नेपाल एशियाई और इंडो-ऑस्ट्रेलियाई टेक्टोनिक प्लेट्स की सीमा पर स्थित है। हिमालय क्षेत्र में भारतीय और यूरेशियन प्लेट्स के आपसी टकराव के कारण यहां भूकंप की संभावना अधिक रहती है। धरती की पपड़ी विशाल टेक्टोनिक प्लेट्स से बनी है, जो लगातार हिलती और आपस में टकराती रहती हैं, जिससे इस क्षेत्र में भूकंप का खतरा बढ़ जाता है।