
नई दिल्ली। Neck Pain : सर्वाइकल दर्द, जिसे चिकित्सा भाषा में सर्वाइकलगिया कहा जाता है, गर्दन और उससे जुड़े हिस्सों में होने वाला दर्द है। यह समस्या आजकल आम होती जा रही है, विशेषकर लंबे समय तक एक ही पोस्चर में काम करने वाले लोगों में। यह दर्द गर्दन से शुरू होकर कंधों, पीठ और रीढ़ की हड्डी तक फैल सकता है। कई बार यह दर्द कुछ दिनों तक रहता है, लेकिन गंभीर मामलों में यह हफ्तों या महीनों तक भी बना रह सकता है।
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Neck Pain : सर्वाइकल दर्द के प्रमुख लक्षण
1. गर्दन और कंधों में लगातार दर्द।
2. सिर के पिछले हिस्से में बार-बार सिरदर्द।
3. गर्दन और पीठ में अकड़न महसूस होना।
4. गर्दन घुमाने या मोड़ने में कठिनाई।
5. हाथों और कंधों में सुन्नता या झुनझुनी।
6. हाथ-पैरों में कमजोरी महसूस होना।
7. शरीर के संतुलन में परेशानी।
8. आँखों में जलन और थकावट।
Neck Pain : सर्वाइकल दर्द के संभावित कारण
1. मांसपेशियों में खिंचाव: लंबे समय तक एक ही पोस्चर में रहने से मांसपेशियों पर दबाव बढ़ता है।
2. गलत पोस्चर: कंप्यूटर या मोबाइल के सामने झुककर बैठने की आदत सर्वाइकल दर्द का मुख्य कारण है।
3. पुरानी चोट: पुरानी चोट के कारण स्लिप डिस्क या अन्य समस्याओं से दर्द हो सकता है।
4. आर्थराइटिस: गठिया के कारण रीढ़ की हड्डी में सूजन और दर्द हो सकता है।
5. ट्यूमर: रीढ़ में ट्यूमर की वृद्धि के कारण दर्द हो सकता है।
6. गलत तकिए का उपयोग: नींद के दौरान गलत तकिया दर्द को बढ़ा सकता है।
7. मानसिक तनाव: तनाव या सदमा भी इस समस्या को बढ़ावा देता है।
8. नींद की कमी: अपर्याप्त नींद और आराम की कमी से मांसपेशियों में तनाव बढ़ सकता है।
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Neck Pain : सर्वाइकल दर्द के उपचार के तरीके
1. दर्द निवारक दवाएं: चिकित्सक की सलाह से ली गई दवाएं दर्द से राहत दे सकती हैं।
2. फिजियोथेरेपी: नियमित फिजियोथेरेपी से मांसपेशियों की जकड़न और दर्द में आराम मिलता है।
3. स्टेरॉयड इंजेक्शन: गंभीर दर्द में चिकित्सक स्टेरॉयड इंजेक्शन का उपयोग कर सकते हैं।
4. मनोवैज्ञानिक थेरेपी: मानसिक तनाव से जुड़े दर्द में मनोवैज्ञानिक थेरेपी फायदेमंद साबित हो सकती है।
5. सर्जरी: यदि रीढ़ की हड्डी में कोई गंभीर समस्या हो, तो सर्जरी की आवश्यकता हो सकती है।
6. सही पोस्चर का ध्यान: काम करते समय रीढ़ को सीधा रखें और आरामदायक कुर्सी का उपयोग करें।
7. स्ट्रेचिंग और योग: नियमित व्यायाम और योग से सर्वाइकल दर्द को काफी हद तक कम किया जा सकता है।
8. गर्म या ठंडी सिकाई: दर्द वाले हिस्से पर गर्म या ठंडी सिकाई से सूजन और दर्द में आराम मिलता है।
सर्वाइकल दर्द से बचने के उपाय
– लंबे समय तक झुककर काम करने से बचें।
– हर घंटे में 5-10 मिनट का ब्रेक लेकर अपनी मांसपेशियों को आराम दें।
– सही तकिया और आरामदायक बिस्तर का उपयोग करें।
– तनाव को कम करने के लिए ध्यान और योग करें।
– स्क्रीन के सामने काम करते समय अपनी गर्दन और पीठ को सीधा रखें।