
धनबाद: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने झारखण्ड के धनबाद के बीसीसीएल के कुइया ओपन कास्ट प्रोजेक्ट में 22.16 करोड़ रुपये के फर्जीवाड़े को लेकर बड़ी कार्रवाई की है। तत्कालीन महाप्रबंधक फूल कुमार दुबे समेत आठ लोगों पर मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया गया है। यह साल 2025 में ईडी द्वारा धनबाद में दर्ज किया गया दूसरा मामला है।
छह साल बाद ईडी (ED) की बड़ी कार्रवाई
इस घोटाले का मामला सबसे पहले जनवरी 2019 में सामने आया था, जब सीबीआई ने इसकी जांच शुरू की थी। बीसीसीएल धनबाद के अधिकारियों पर आरोप है कि 2015 से 2018 के बीच फर्जी दस्तावेजों, माप पुस्तकों और बिलों में हेरफेर कर 35,30,769 क्यूबिक मीटर अधिक ओवरबर्डन (ओबी) निष्कासन दिखाया गया। इस जालसाजी के कारण बीसीसीएल को 22.16 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ, जबकि निजी कंपनी मेसर्स एटी-लिब्रा बीपीएल (जेवी), धनबाद को अवैध रूप से फायदा पहुंचाया गया।
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ऐसे हुआ घोटाले का खुलासा
इस बड़े फर्जीवाड़े का पर्दाफाश तब हुआ जब कोल इंडिया लिमिटेड-बीसीसीएल धनबाद के सतर्कता विभाग, सीएमपीडीआई रांची और अन्य अधिकारियों की एक टीम ने औचक निरीक्षण किया। इस निरीक्षण में यह सामने आया कि ओबी निष्कासन की जो मात्रा दर्ज की गई थी, वह वास्तविक निष्कासन से काफी अधिक थी। इस गड़बड़ी की जांच के बाद सीबीआई ने 2019 में केस दर्ज किया और अब छह साल बाद ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग के तहत मामला दर्ज कर लिया है।
इन अधिकारियों पर दर्ज हुआ मनी लॉन्ड्रिंग केस
– फूल कुमार दुबे (तत्कालीन महाप्रबंधक, बस्ताकोला क्षेत्र)
– अरविंद कुमार झा (अपर महाप्रबंधक)
– मृत्युंजय कुमार सिंह (तत्कालीन क्षेत्र सर्वेक्षण अधिकारी)
– विष्णु कांत झा (तत्कालीन परियोजना पदाधिकारी, कुइया ओपन कास्ट प्रोजेक्ट)
– निमाई चंद्र घोष (तत्कालीन कोलियरी प्रबंधक)
– अरुण कुमार (तत्कालीन कोलियरी प्रबंधक)
– ललन कुमार सिंह (तत्कालीन कोलियरी सर्वेयर)
– मेसर्स एटी-लिब्रा बीपीएल (जेवी), धनबाद