50 किलो पुष्प से भगवान के अभिषेक साथ मकर संक्रांति संकीर्तन मेला मनाया गया
50 किलो पुष्प से भगवान के अभिषेक साथ मकर संक्रांति संकीर्तन मेला मनाया गया

के संतोष/ बीजापुर : मकर संक्रांति के अवसर पर इस्कॉन प्रचार केंद्र द्वारा वृंदावन की तर्ज पर संकीर्तन मेले का आयोजन किया गया, जिसमें 50 किलो फूलों से भगवान श्री श्री गौर-निताई का अभिषेक किया गया। यह भव्य आयोजन परम पूज्य भक्ति सिद्धार्थ स्वामी महाराज जी के शुभ आशीर्वाद से श्रीमान निर्झर राय और पीयूष मिश्रा के नेतृत्व में संपन्न हुआ।
कार्यक्रम की शुरुआत कीर्तन के साथ भगवान श्री श्री गौर-निताई के भव्य स्वागत से हुई। इसके पश्चात इस्कॉन रायपुर की कीर्तन टीम, कीर्तनिया माधवचरण दास के नेतृत्व में, ‘ जय राधा माधव’, ‘जय राधे जय कृष्ण’ जैसे वैष्णव भजनों की प्रस्तुति दी।जय गौर हरि , जय गौरांग , दीपांशु और पूरी कीर्तन टीम ने अपनी मधुर प्रस्तुतियों से वातावरण को भक्तिमय बना दिया।
इसके बाद इस्कॉन जगदलपुर के प्रचार-प्रसार प्रमुख श्रीमान वेदव्यास दास प्रभु जी का स्वागत किया गया। उन्होंने भगवान कृष्ण के प्राकट्य और वासुदेव जी द्वारा उन्हें गोकुल ले जाने की कथा सुनाई, जिसमें बताया गया कि कैसे समस्त ब्रजवासी और मथुरावासी घोर निद्रा में सोए हुए थे। उन्होंने पूतना राक्षसी के वध की कथा का भी वर्णन किया, जिससे यह संदेश मिला कि भगवान किसी भी अवस्था में पूर्ण पुरुषोत्तम होते हैं।
इसके पश्चात इस्कॉन रायपुर के भक्तों द्वारा ‘महामूर्ख’ शीर्षक से एक नाट्य प्रस्तुति दी गई, जिसमें यह संदेश दिया गया कि कैसे ऐशो-आराम और भोग-विलास में लिप्त होकर हम भगवान से दूर होते जा रहे हैं।
श्री श्री गौर-निताई भगवान का पुष्पाभिषेक इस्कॉन रायपुर के प्रमुख भक्त वत्सल दास जी द्वारा प्रारंभ किया गया, जिसके बाद बीजापुर में उपस्थित भक्तों ने भी अभिषेक में भाग लिया। अभिषेक के पश्चात फूलों की होली खेली गई, जिसमें ‘हरे कृष्ण हरे कृष्ण, कृष्ण कृष्ण हरे हरे; हरे रामा हरे रामा, रामा रामा हरे हरे’ कीर्तन के साथ भक्तों ने एक-दूसरे पर फूलों की वर्षा की। इस दौरान भक्तजन उत्साहपूर्वक कृष्ण प्रेम में डूबकर नृत्य करते नजर आए।इस आयोजन ने बीजापुर में भक्तों के बीच भक्ति और समर्पण की भावना को प्रबल किया, जिससे स्थानीय समुदाय में आध्यात्मिक चेतना का संचार हुआ।
इस कार्यक्रम की भव्यता और भक्तों की उत्साही भागीदारी ने इसे बीजापुर के धार्मिक आयोजनों में एक विशेष स्थान दिलाया है।कार्यक्रम के अंत में भगवान का महाप्रसाद भंडारा आयोजित किया गया, जिसमें 300 से अधिक भक्तों ने प्रसाद ग्रहण किया। इस आयोजन की सफलता में स्वप्न नील, योगेश्वर कृष्ण दास, प्रियव्रत दास, कल्याण दास, मनोहर, पारसमणि प्रभु, पोनी राय, निधि मिश्रा, गौरांगी माताजी का विशेष सहयोग रहा।