Lattest News : महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री को लेकर खींचतान, शिंदे के सीएम पद पर अड़े रहने की खबर
महायुति में मतभेद, शपथ ग्रहण समारोह में चार-पांच दिन की हो सकती है देरी

मुंबई. Lattest News : Maharashtra Election में भारी बहुमत से मिली जीत BJP और शिवसेना गुट यानी महायुति के खुशियां लेकर आई, परन्तु खुशी भर चेहरे पर सशंय के चिन्ह भी मुख्यमंत्री पद को लेकर उभरे हैं. महाराष्ट्र चुनाव में भाजपा का शानदार प्रदर्शन रहा, वहीं शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे के शिवसेना गुट ने महायुति गठबंधन के रूप में भाजपा का हमकदम बनकर चुनाव लड़े हैं और उनका प्रदर्शन भी अच्छा रहा है. जिसके बाद से वे हक के प्रमुख पदों पर अपना अधिकार समझने की स्पष्टता जाहिर कर रहे हैं. जिसके बाद से मुख्यमंत्री पद को लेकर उत्पन्न खींचतान के चलते शपथ ग्रहण समारोह कार्यक्रम के तिथि घोषित नहीं हो पा रही.
हालंकि सूत्रों के अनुसार नई सरकार का गठन 2 दिसंबर तक कर दी जाएगी एवं शपथ ग्रहण कार्यक्रम भी इसी डेट पर तय मानी जा रही है, परन्तु सीएम पद को लेकर महायुति में भाजपा और शिवसेना गुटों के बीच मतभेद की स्थिति के चलते यह भी माना जा रहा है कि समारोह में चार से पांच की देरी अभी और लग सकती है.
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Lattest News : इस पर शिवेसना के प्रवक्ता नरेश म्हस्के ने कहा है कि महाराष्ट्र में चुनाव शिंदे के नेतृत्व में लड़ा गया और उन्हें मुख्यमंत्री बनाए रखना गठबंधन की एकता और नेतृत्व का सम्मान करना होगा तो वहीं एमएलसी प्रवीण दरेकर समेत अनेक भाजपा नेता देवेंद्र पडऩवीस को मुख्यमंत्री बनाने की लालसा रखते हैं. गौरतलब है कि भाजपा ने विधानसभा में अब तक की सबसे अधिक 132 सीटें हासिल की है.
महाराष्ट्र की जनता ने भाजपा को विजयी दल के रूप में नवाजा है. राज्य सरकार के नेतृत्व करने के लिए भाजपा नेता देवेंद्र की स्थिति सबसे अच्छी है. वहीं दूसरी ओर एनसीपी का अजीत पवार गुट जो कि महायुति का हिस्सा है और भाजपा नेता देवेंद्र को सीएम पद के लिए अपनी सहमति जता चुके हैंै. जिसके बाद से शिवसेना के शिंदे गुट के समक्ष समझौते की स्थिति निर्मित हो गई है. एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री रहे हैं और शिंदे गुट उन्हें ही मुख्यमंत्री पद पर रहने के इच्छुक हैं,
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Lattest News : जनता के रूझानों को शिवसेना के शिंदे गुट नजरअंदाज करने की भूल यदि करता है तो भाजपा का यह बलिदान पार्टी को महाराष्ट्र की राजनीति में और मजबूत कर देगा. हालंकि वर्तमान में भी भाजपा सशक्त दल के रूप स्थापित हैं बावजूद नेतृत्व को लेकर कौन किसका कितना सम्मान करता यह आने वाले कुछ दिनों में ही क्लीयर हो पाएगा. 26 नवंबर तक सरकार नहीं बनती है तो संभावित संवैधानिक संकट की अटकलों के बीच अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि चुनाव आयोग द्वारा चुनाव परिणामों के प्रकाशन के बाद 15वीं विधानसभा का गठन पहले ही किया जा चुका है. यह राष्ट्रपति शासन की आशांकाओं को दूर करता है. जिससे यह सुनिश्चित होता है कि गतिरोध को हल करने के लिए तत्काल कोई काूननी कार्रवाई की आवश्यकता नहीं है. वहीं महायुति भी चाहती है कि जल्द ही सीएम पद को लेकर पटाक्षेप हो ताकि किसी प्रकार का सशंय की स्थिति अधिक समय तक निर्मित ना रह सके और सहमति पूर्वक महाराष्ट्र की नई सरकार का शपथ ग्रहण समारोह ०2 दिसंबर को निर्बाध रूप से सम्पन्न हो सके.