Kolkata News : भारतीय पासपोर्ट बनाने का धंधा, बंगाल में बांग्लादेशी नागरिकों के लिए 2 लाख में बिक रहे नकली दस्तावेज
Kolkata News : भारतीय पासपोर्ट बनाने का धंधा, बंगाल में बांग्लादेशी नागरिकों के लिए 2 लाख में बिक रहे नकली दस्तावेज

Kolkata News : कोलकाता: कोलकाता पुलिस ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर बांग्लादेशी नागरिकों को भारतीय पासपोर्ट जारी करने के मामले में जांच शुरू कर दी है। इस घोटाले में 73 पासपोर्ट फर्जी दस्तावेजों के जरिए बनाए गए, जिससे पुलिस और पासपोर्ट विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं। रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस ने विभिन्न नगरपालिकाओं और पंचायतों से इन दस्तावेजों में दिए गए पते की पुष्टि मांगी, तो जवाब में बताया गया कि ये पते अस्तित्व में नहीं हैं।
Kolkata News : फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल
Kolkata News : इन पासपोर्टों को बनाने के लिए पश्चिम बंगाल बोर्ड की फर्जी मार्कशीट, एडमिट कार्ड, पैन कार्ड, आधार कार्ड और वोटर कार्ड का इस्तेमाल किया गया। जिन स्थानीय निकायों से जानकारी मांगी गई, उनमें बारासात नगरपालिका, बांगांव नगरपालिका और दत्तपुकुर के कदमबगाछी ग्राम पंचायत शामिल थे। इन सभी ने इन पतों से संबंधित किसी भी दस्तावेज़ को जारी करने से इनकार किया है।
Kolkata News : पासपोर्ट विभाग से बैठक
Kolkata News : कोलकाता पुलिस आयुक्त मनोज वर्मा ने शनिवार को मीडिया से बात करते हुए बताया, “हमने विदेश मंत्रालय द्वारा दिए गए दिशानिर्देशों पर पासपोर्ट विभाग के अधिकारियों के साथ विस्तार से चर्चा की है। हमने पुलिस थानों के अधिकारियों को इन मामलों में सतर्क रहने और पूरी जांच करने के निर्देश दिए हैं।”
Kolkata News : छह आरोपी गिरफ्तार
Kolkata News : अब तक इस मामले में छह लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। पुलिस की विशेष जांच टीम और डिटेक्टिव डिपार्टमेंट ने बुधवार को उत्तर 24 परगना जिले के दत्तपुकुर थाना क्षेत्र के छोटो जगुलिया इलाके से मुख्तार आलम नामक व्यक्ति को गिरफ्तार किया। आलम को 2021 में भी एक समान मामले में चूचूड़ा पुलिस ने गिरफ्तार किया था।
Kolkata News : रैकेट का भंडाफोड़
Kolkata News : पिछले हफ्ते, कोलकाता पुलिस ने पांच अन्य लोगों को गिरफ्तार किया, जो पासपोर्ट रैकेट चलाने और फर्जी दस्तावेजों को 2 से 5 लाख रुपये में बेचने के आरोप में शामिल थे। कोलकाता पुलिस इस मामले को गंभीरता से लेकर विशेष जांच टीम का गठन कर चुकी है, जो फर्जी दस्तावेजों के स्रोत तक पहुंचने और इस रैकेट में शामिल अन्य दोषियों को पकड़ने की कोशिश कर रही है।