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International Desk: भारतीय सेना का नया सैन्य फोकस: चीन के खिलाफ आधुनिक रणनीति की प्रतीक पेंटिंग, नई पेंटिंग उड़ा देगी इस देश की नींद

International Desk: भारतीय सेना का नया सैन्य फोकस: चीन के खिलाफ आधुनिक रणनीति की प्रतीक पेंटिंग, नई पेंटिंग उड़ा देगी इस देश की नींद

International Desk: 53 साल पहले, जब पाकिस्तानी जनरल नियाजी ने भारतीय सेना के सामने सरेंडर किया था, तब उस ऐतिहासिक तस्वीर ने भारतीय सेना की शक्ति को दुनिया के सामने रखा था। लेकिन अब, भारतीय थलसेना प्रमुख के ऑफिस में वह तस्वीर हटा दी गई है और उसकी जगह एक नई पेंटिंग लगाई गई है, जो भारतीय सेना के नए सैन्य फोकस को दर्शाती है। यह पेंटिंग भारतीय सेना की आधुनिक रणनीति, तकनीकी विकास और भविष्य के युद्ध के लिए तैयार होने का संदेश देती है, खासकर चीन के खिलाफ।

International Desk: पेंटिंग की खासियत

International Desk: 1971 की प्रसिद्ध तस्वीर में जनरल नियाजी भारतीय सेना के सामने सरेंडर करते हुए दिखाई दे रहे थे, लेकिन अब थलसेना प्रमुख के लॉन्ज में उस तस्वीर की जगह एक नई पेंटिंग को स्थान दिया गया है। इस पेंटिंग में लद्दाख के पैंगांग झील का दृश्य दिखाई दे रहा है, जिसमें आधुनिक टैंक, बोट, ऑल-टेरेन व्हीकल्स और अपाचे हेलिकॉप्टर जैसे युद्ध उपकरण शामिल हैं। इसके अलावा, पेंटिंग में महाभारत के युद्ध में अर्जुन के रथ को खींचने वाले भगवान कृष्ण, चाणक्य की युद्ध नीति और भारतीय सेना के तीनों अंगों के समन्वय को दिखाने वाले चित्र भी हैं। यह पेंटिंग यह संदेश देती है कि अब भारतीय सेना का ध्यान पाकिस्तान पर नहीं, बल्कि चीन पर केंद्रित है।

International Desk: भारत का नया सैन्य फोकस: चीन पर ध्यान

International Desk: समय के साथ भारतीय सेना ने अपनी रणनीति में भी बदलाव किया है। पेंटिंग में दिखाए गए आधुनिक युद्ध उपकरण जैसे टैंक, बोट, हेलिकॉप्टर और ऑल-टेरेन व्हीकल्स, यह संकेत देते हैं कि भारतीय सेना अब समन्वित और उच्च तकनीकी स्तर पर युद्ध के लिए तैयार है। रक्षा विशेषज्ञ मेजर जनरल अशोक कुमार का कहना है कि यह पेंटिंग भारतीय सेना के तीनों अंगों – थलसेना, वायुसेना और नौसेना – के समन्वय को दर्शाती है, जो किसी भी संभावित युद्ध में तेज और प्रभावी प्रतिक्रिया देने में सक्षम हैं। साथ ही, यह पेंटिंग आत्मनिर्भर भारत की सैन्य रणनीति को भी प्रदर्शित करती है, जिसमें भारतीय सेना ने अपनी ताकत को बढ़ाने के लिए आधुनिक तकनीक और आत्मनिर्भरता का सहारा लिया है।

International Desk: भारत-चीन संघर्ष और भारतीय सेना की ताकत

International Desk: चीन, जो शुन त्जू की प्रसिद्ध “आर्ट ऑफ वॉर” से प्रेरित होकर अपनी युद्ध रणनीति बनाता है, भारतीय सेना से 2020 में पूर्वी लद्दाख में हार चुका है। भारतीय सेना ने चाणक्य की नीति और गीता के सिद्धांतों से प्रेरित होकर एक ऐसी रणनीति अपनाई, जिसने न केवल चीन के आक्रमण को नाकाम किया, बल्कि उसे बातचीत की मेज पर आने के लिए मजबूर कर दिया। इस पेंटिंग में भारतीय सेना की ताकत और उसकी आधुनिकता को दिखाने के साथ यह संदेश भी दिया जा रहा है कि भारतीय सेना किसी भी विरोधी से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार है। इसके अलावा, सेना के तीनों अंगों का समन्वय, भूमि, वायु और समुद्र में ऑपरेशन की क्षमता, और उच्च तकनीकी प्रणालियों का उपयोग यह दर्शाता है कि भारत के पास चीन जैसी शक्तियों को हराने के लिए रणनीति और संसाधन दोनों हैं।

 

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International Desk: सैन्य रणनीति और भारतीय सेना का दृष्टिकोण

International Desk: यह पेंटिंग भारतीय सेना के धार्मिक और शाश्वत दृष्टिकोण को भी दर्शाती है, जैसे महाभारत की गीता और चाणक्य की नीति में देखा गया है। भारतीय सेना अब केवल देश की रक्षा नहीं, बल्कि राष्ट्र के मूल्यों, न्याय और धर्म की रक्षा के लिए भी संघर्ष कर रही है। यह पेंटिंग भारतीय सेना की दृढ़ता और उसकी तैयारी को दर्शाती है, जो भविष्य की चुनौतियों का सामना करने के लिए पूरी तरह से सक्षम है।

 

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International Desk: चीन के खिलाफ संदेश

International Desk: पेंटिंग से यह साफ होता है कि चीन के पास शुन त्जू की “आर्ट ऑफ वॉर” हो सकती है, लेकिन भारत के पास चाणक्य की नीति और गीता का ज्ञान है, जो किसी भी युद्ध में न केवल धार्मिक और रणनीतिक दृष्टिकोण से प्रभावी साबित होते हैं, बल्कि आधुनिक तकनीकी युद्ध में भी पूरी तरह सक्षम हैं। यह पेंटिंग केवल एक सैन्य चित्र नहीं है, बल्कि यह भारतीय सेना की शक्ति, आधुनिकता और चाणक्य की नीति के साथ दीर्घकालिक प्रतिबद्धता का प्रतीक बन गई है, जो भविष्य के किसी भी संघर्ष में भारत की सफलता की कुंजी बन सकती है।

 

Mahendra Sahu

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