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Dr. Sanjeev Meshram: क्या रायपुर में है डॉक्टरों की कमी ? एक डॉक्टर को 4 जगहों का कार्यभार कैसे!, CMHO के तुगलकी आदेश पर उठ रहे सवाल, क्या बोले महामंत्री, कौन हैं डॉ. संजीव मेश्राम, पढ़िए खबर

Dr. Sanjeev Meshram: क्या रायपुर में है डॉक्टरों की कमी ? एक डॉक्टर को 4 जगहों का कार्यभार कैसे!, CMHO के तुगलकी आदेश पर उठ रहे सवाल, क्या बोले महामंत्री, कौन हैं डॉ. संजीव मेश्राम, पढ़िए खबर

Dr. Sanjeev Meshram: रायपुर: राजधानी रायपुर के CMHO कार्यालय इन दिनों में सुर्खियों में हैं. चाहे डॉक्टर्स के नियम विरुद्ध अटैचमैंट हो या फिर एक ही डॉक्टर को चार-चार पदों की जिम्मेदारी देकर अलग-अलग स्थानों पर बैठना हो। दरअसल, ये अनोखा मामला कार्यालय मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी रायपुर का है. यहां गजब का कारनामा चल रहा हैं. एक MBBS डॉक्टर को चार अलग-अलग पदों का अतिरिक्त कार्यभार सौंपा गया है। यह मामला चर्चा का विषय बना हुआ है और लोगों के मन में कई तरह के सवाल उठ रहे हैं कि क्या रायपुर में डॉक्टरों की कमी है या फिर इस डॉक्टर को विशेष रूप से जिम्मेदारी दी गई है। जी हां हम बात कर रहे हैं डॉ. संजीव मेश्राम का.

 

 

Dr. Sanjeev Meshram: बताते चलते हैं कि डॉ. संजीव मेश्राम प्रभारी जिला टीकाकरण अधिकारी हैं, इन्हें रायपुर CMHO का भरपूर आशीर्वाद मिल रहा है. ये बात इसलिए कहना पड़ रहा है कि उन्हें टीकाकरण अधिकारी के साथ- साथ तीन और भी पदों पर बैठाया गया है. डॉ. संजीव मेश्राम को जिला टीकाकरण अधिकारी के साथ-साथ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र खोखोपारा प्रभारी, अभनपुर के BMO और रायपुर दक्षिण के BMO जैसे महत्वपूर्ण पदों पर नियुक्त किया गया है। इन सभी जिम्मेदारियों को एक ही डॉक्टर के कंधों पर रखना क्या उचित है, यह सवाल उठने लगा है। क्या रायपुर CMHO के पास पर्याप्त डॉक्टर नहीं हैं या फिर यह किसी विशेष आवश्यकता का परिणाम है?

Dr. Sanjeev Meshram: जानकारी के अनुसार, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र खोखोपारा में पहले से एक क्लास 1 के डॉक्टर पदस्थ है. इसके बावजूद डॉक्टर संजीव मेश्राम को वहां कार्यभार सौंपा गया हैं। इसके अलावा, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अभनपुर में भी पहले से एक क्लास 1 डॉक्टर नियुक्त है, फिर भी डॉ. संजीव मेश्राम को खंड चिकित्सा अधिकारी (BMO) का कार्यभार सौंपा गया है।

 

 

Dr. Sanjeev Meshram: विशेषज्ञों का मानना है कि टीकाकरण अधिकारियों के रूप में शिशुरोग विशेषज्ञों को नियुक्त किया जाना चाहिए, ताकि वे टीकाकरण के कार्य को बेहतर तरीके से समझ सकें और लागू कर सकें। लेकिन यहां MBBS डॉक्टर को ही टीकाकरण अधिकारी बना दिया गया है। इतना ही नहीं, उन्हें दो अलग-अलग ब्लॉकों का खंड चिकित्सा अधिकारी भी बना दिया गया है. अब सवाल उठ रहा है कि एक डॉक्टर को चार -चार पदों पर कैसे बैठा सकते है.

 

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Dr. Sanjeev Meshram: यह मामला स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाता है और यह भी दर्शाता है कि क्या रायपुर में डॉक्टरों की कमी है जो एक ही डॉक्टर को चार-चार प्रभार दिया जा रहा है? इस तरह से रायपुर CMHO ने संचालनालय स्वास्थ्य सेवाएं के नियमों को भी दरकिनार किया है. संचालनालय के नियम अनुसार न ही वरिष्ठता का ख्याल रखा गया है न ही प्रथम श्रेणी चिकित्सक का.

 

 

 


Dr. Sanjeev Meshram: वहीं इस मामले को लेकर मैदानी स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के महामंत्री मुन्नालाल निर्मलकर ने कहा -कि यह गलत है एक डॉक्टर को अलग -अलग स्थान पर चार-चार पदों की जिम्मेदारी कैसे दे दिया गया। उन्होंने कहा कि संचालनालय स्वास्थ सेवाएं के निर्देश अनुसार BMO का पद प्रथम श्रेणी का होता है। जिसमें वरिष्ठता का ध्यान रखते हुए उस स्थान में पदस्थ चिकित्सकों में से ही किसी वरिष्ठ को प्रभार दिया जाना है.जबकि डॉ. संजीव मेश्राम की मूल पदस्थापना न ही खोखोपारा है , न ही अभनपुर है. यह दुर्भाग्य जनक मामला है. इस संबंध में हम स्वास्थ्य मंत्री से शिकायत करेंगे।

 

 

 

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Mahendra Sahu

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