Dr. Aniruddhacharya : महाकुंभ में डॉ. अनिरुद्धाचार्य का बयान: समाज कल्याण के लिए 10 बच्चे पैदा करो
Dr. Aniruddhacharya : महाकुंभ में डॉ. अनिरुद्धाचार्य का बयान: समाज कल्याण के लिए 10 बच्चे पैदा करो

Dr. Aniruddhacharya : संगम की रेती पर आयोजित महाकुंभ दुनियाभर के करोड़ों सनातन धर्मावलंबियों के लिए आस्था का प्रमुख केंद्र बन चुका है। यहां श्रद्धालु पुण्य अर्जित कर रहे हैं और संतों की अमृत वाणी से अपने जीवन को कृतार्थ कर रहे हैं।
Dr. Aniruddhacharya : इस दौरान संत समाज भी सामाजिक मुद्दों पर अपने विचार प्रस्तुत कर रहा है। महाकुंभ में आए प्रमुख साधु संतों में प्रख्यात भागवत कथा वाचक डॉ. अनिरुद्धाचार्य भी शामिल हैं। सेक्टर 17 स्थित लक्ष्मी नारायण मंदिर के आचार्य घनश्यामाचार्य के शिविर में उन्होंने कुछ महत्वपूर्ण मुद्दों पर बातचीत की, जिसमें उन्होंने अपनी राय इस प्रकार रखी:
Dr. Aniruddhacharya : महाकुंभ के बारे में आपकी क्या राय है?
Dr. Aniruddhacharya : महाकुंभ सनातन धर्म की आस्था का प्रतीक है। लोग यहां पापों को धोने के लिए आते हैं और पावन त्रिवेणी में स्नान करके अपने आपको शुद्ध करते हैं। वे गंगा मइया से आशीर्वाद प्राप्त करते हैं ताकि उनके मन, वचन और कर्म से किए गए पाप भी धुल जाएं।
Dr. Aniruddhacharya : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे सामाजिक समरसता का कुम्भ कहा है, आपकी क्या राय है?
Dr. Aniruddhacharya : यह बिल्कुल सही है। आज समाज में समरसता की आवश्यकता है, ताकि कोई भी मनमानी न कर सके। शास्रों के अनुसार ही सभी बातें होनी चाहिए। हम अहिंसा की बात करते हैं, और इस कुम्भ में अहिंसा को बढ़ावा देते हुए सभी को सम्मान दिया जा रहा है। यह कुम्भ समरसता का ही कुम्भ है।
Dr. Aniruddhacharya : बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रही हिंसा के बारे में आपकी क्या राय है?
Dr. Aniruddhacharya : मेरी सिर्फ एक बात है, भारत को अपनी सेना तैयार करनी चाहिए और बांग्लादेश को फिर से अपने में मिला लेना चाहिए। बांग्लादेश भारत से ही बना है, और यदि वहां अव्यवस्था बढ़ रही है तो भारत को उसे अपने में शामिल कर लेना चाहिए। इससे वहां की व्यवस्थाएं सुधार सकती हैं और लोकतंत्र भी मजबूत होगा।
Dr. Aniruddhacharya : संघ प्रमुख मोहन भागवत का कहना है कि हिंदुओं को तीन बच्चे पैदा करने चाहिए, आपकी क्या राय है?
Dr. Aniruddhacharya : अगर समाज की भलाई और कल्याण के लिए उचित हो तो 2 नहीं, 10 बच्चे भी पैदा करने चाहिए। समाज सेवा के लिए हमें अधिक बच्चे पैदा करने चाहिए और उन्हें समाज में अच्छा काम करने के लिए प्रेरित करना चाहिए।
Dr. Aniruddhacharya : सनातन बोर्ड के गठन को लेकर आपका क्या कहना है?
Dr. Aniruddhacharya : यह बहुत जरूरी है कि सनातन बोर्ड का गठन हो। संत समाज इस पर मंथन कर रहा है और मुझे पूरा विश्वास है कि जो भी निर्णय संत समाज करेगा, वह सनातन धर्म के कल्याण के लिए सही होगा।
Dr. Aniruddhacharya : महाकुंभ से आप क्या संदेश देना चाहेंगे?
Dr. Aniruddhacharya : महाकुंभ से मेरा संदेश है कि सभी को माता-पिता की सेवा करनी चाहिए और बड़ों का सम्मान करना चाहिए। यहां संगम में पुण्य की डुबकी लगाना तो महत्वपूर्ण है, लेकिन साथ ही हमें अपने से बड़ों का आदर भी करना होगा।