
नई दिल्ली | Cyber Fraud : दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (EOW) ने एक लंबे समय से फरार चल रहे शातिर जालसाज सुरेश कुमार को गिरफ्तार किया है, जो फर्जी दस्तावेजों और मृतकों की पहचान का इस्तेमाल कर करोड़ों रुपये के बैंक लोन हड़पने में शामिल था।
Cyber Fraud सुरेश कुमार नंद नगरी का निवासी और एक साइबर कैफे चलाने वाला व्यक्ति है। अपने व्यवसाय की आड़ में वह जाली दस्तावेज तैयार करता था, जिनमें फर्जी बिक्री विलेख, ई-स्टाम्प पेपर और नकली रबर स्टैंप शामिल थे। पुलिस के मुताबिक, आरोपी ने कई लोगों की पहचान चुराकर, यहां तक कि मृत व्यक्तियों के नाम पर भी, फर्जी बैंक खाते और लोन आवेदन तैयार किए।
2015 में थाना सरिता विहार में एक मामला दर्ज किया गया था जिसमें शिकायतकर्ता सोनल जैन ने आरोप लगाया था कि उनके दिवंगत पति महेंदर जैन के नाम पर शालीमार बाग स्थित फ्लैट के फर्जी दस्तावेज बनाकर 3.2 करोड़ रुपये का ओवरड्राफ्ट लोन लिया गया था। वर्षों बाद फिंगरप्रिंट जांच के माध्यम से यह खुलासा हुआ कि दस्तावेजों पर मौजूद अंगूठे के निशान सुरेश कुमार से मेल खाते हैं।
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Cyber Fraud सुरेश कुमार के खिलाफ दिल्ली EOW और सीबीआई में कुल 18 केस दर्ज हैं। इन मामलों में धारा 420, 467, 468, 471 और 120B IPC के तहत मुकदमे चल रहे हैं। CBI की 13 केस फाइलों के अनुसार, सुरेश कुमार वर्षों से एक संगठित गिरोह का हिस्सा था, जो बैंकों और सरकारी संस्थाओं को धोखा देने में माहिर था।
2 अप्रैल 2025 को गिरफ्तारी के बाद पुलिस पूछताछ में सुरेश कुमार ने कई अहम खुलासे किए। उसने स्वीकार किया कि उसने खुद कई फर्जी दस्तावेज तैयार किए और दूसरों को भी उपलब्ध कराए। इसके अलावा, उसने अपने साथी ठगों के नाम भी बताए, जिनके साथ मिलकर उसने दिल्ली के विभिन्न इलाकों में धोखाधड़ी की।
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पुलिस अब सह-आरोपियों की तलाश कर रही है और सुरेश कुमार द्वारा बताए गए स्थानों पर छापेमारी कर रही है। EOW का मानना है कि आगामी दिनों में और भी बड़े खुलासे हो सकते हैं। Cyber Fraud