
नई दिल्ली | Crime News : राजस्थान के भीलवाड़ा स्थित एक फैब्रिक कंपनी ने लोन लेने के बाद भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) में 14.20 करोड़ रुपये का घोटाला किया। Crime News लोन प्राप्त करने के बाद, कंपनी के दोनों डायरेक्टर भाइयों ने उक्त राशि को निजी खातों में ट्रांसफर कर लिया और इसका दुरुपयोग किया। जांच में यह घोटाला उजागर होने पर बैंक के क्षेत्रीय प्रबंधक की रिपोर्ट पर सीबीआई जोधपुर ने एफआईआर दर्ज की। Crime News
सूत्रों के अनुसार, एसबीआई भीलवाड़ा के क्षेत्रीय प्रबंधक, अविनाश पाटोदी ने 10 जनवरी 2023 को इस घोटाले के बारे में लिखित शिकायत दी थी। इसकी जांच के बाद सीबीआई ने भीलवाड़ा के बिलिया स्थित रीको द्वितीय औद्योगिक क्षेत्र में स्थित शिवराम सिंथेटिक्स प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर प्रवीण कुमार सुरोलिया और उनके भाई प्रशांत सुरोलिया के खिलाफ धोखाधड़ी, गबन और भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया। निरीक्षक नवल किशोर को जांच का जिम्मा सौंपा गया है। Crime News
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आरोप है कि शूटिंग फैब्रिक बनाने वाली इस कंपनी ने वर्ष 2015 में एसबीआई के इंदिरा मार्केट स्थित शाखा से संपर्क किया था। बैंक ने 6 जनवरी 2015 को 8.25 करोड़ रुपये की कैश लिमिट और 50 लाख रुपये का स्टैंडबाय लाइन ऑफ क्रेडिट (एसएलसी) स्वीकृत किया था। Crime News
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कंपनी के अनुरोध पर 16 मार्च 2016 को कैश लिमिट को बढ़ाकर 10 करोड़ रुपये और 5 अक्टूबर 2017 को एसएलसी को 1.50 करोड़ रुपये तक बढ़ा दिया गया। 24 दिसम्बर 2018 को कैश लिमिट को 11.5 करोड़ रुपये और एसएलसी को 1.50 करोड़ रुपये कर दिया गया। 11 फरवरी 2020 को 60 लाख रुपये का सोलर टर्म लोन जारी किया गया।
इसके बाद 24 अप्रैल 2020 को कोविड इमरजेंसी क्रेडिट लिमिट (सीसीईसीएल) के तहत 1.15 करोड़ रुपये और मई 2020 में गारंटीड इमरजेंसी क्रेडिट लाइन (जीईसीएल) के तहत 2.40 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए थे, जिससे कंपनी का कुल लोन 15.65 करोड़ रुपये तक पहुँच गया था। Crime News
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मार्च 2022 से अगस्त 2022 तक ब्याज का भुगतान किया गया था और कोविड की दूसरी लहर के दौरान जनवरी 2022 में जीईसीएल के तहत 1.15 करोड़ रुपये और स्वीकृत किए गए थे।
इस दौरान, बैंक ने देखा कि लोन 15.02 करोड़ रुपये तक पहुँच गया था और लेन-देन में गड़बड़ी का संदेह हुआ। इसके बाद कई अनियमितताओं के संकेत मिले, जिसके परिणामस्वरूप 30 अप्रैल 2024 को कंपनी का खाता एनपीए (नॉन-परफॉर्मिंग एसेट) में बदल गया।
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बैंक की जांच में घोटाला सामने आया, और 15 मई 2024 को खाते को धोखाधड़ी के रूप में घोषित कर दिया गया। फोरेंसिक ऑडिट में यह पुष्टि हुई कि दोनों भाइयों ने कंपनी से संबंधित राशि परिवार के अन्य सदस्यों और एक अन्य फर्म में ट्रांसफर की थी। Crime News