
नई दिल्ली | Cooking Oil : फरवरी में भारत में खाने के तेल का आयात चार साल के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया। इसका कारण सोयाबीन तेल और सूरजमुखी तेल के आयात में कमी बताया जा रहा है। सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (SEA) ने मंगलवार को इस संबंध में जानकारी दी। आयात में गिरावट के चलते देश में खाने के तेल का स्टॉक तीन साल के सबसे कम स्तर पर आ गया है। भारत, जो दुनिया में सबसे बड़ा वेजिटेबल ऑयल खरीदार है, उसे आगामी महीनों में तेल की अतिरिक्त खरीद करनी पड़ सकती है। इससे मलेशियाई पाम तेल और अमेरिकी सोया तेल की कीमतों में बढ़ोतरी संभव है। Cooking Oil
SEA की रिपोर्ट के अनुसार, फरवरी में भारत का पाम तेल आयात जनवरी की तुलना में 35.7% बढ़कर 373,549 मीट्रिक टन हो गया। हालांकि, सोया तेल का आयात 36% घटकर 283,737 टन और सूरजमुखी तेल का आयात 20.8% घटकर 228,275 टन रह गया। फरवरी में कुल वेजिटेबल ऑयल इंपोर्ट 12% गिरकर 899,565 टन हो गया, जो फरवरी 2021 के बाद सबसे कम है। Cooking Oil
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भारत में खाने के तेल का स्टॉक 1 मार्च को 1.87 मिलियन टन रह गया, जो एक महीने पहले की तुलना में 14% कम और तीन वर्षों में सबसे कम है। अगर आने वाले दिनों में आयात में वृद्धि नहीं हुई, तो खाने के तेल की कीमतों में तेजी आ सकती है।
भारत मुख्य रूप से पाम तेल इंडोनेशिया, मलेशिया और थाईलैंड से आयात करता है, जबकि सोया तेल और सूरजमुखी तेल अर्जेंटीना, ब्राजील, रूस और यूक्रेन से मंगाया जाता है। Cooking Oil