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High Court News: हाईकोर्ट का आदेश: शादी विधिवत न होने पर भी पत्नी को भरण-पोषण भत्ता देने का निर्देश, कौन हैं कांस्टेबल

High Court News: हाईकोर्ट का आदेश: शादी विधिवत न होने पर भी पत्नी को भरण-पोषण भत्ता देने का निर्देश, कौन हैं कांस्टेबल

High Court News: बिलासपुर। बिलासपुर हाईकोर्ट ने फैमिली कोर्ट के फैसले को पलटते हुए एक अहम आदेश दिया है। कोर्ट ने पत्नी की दलील को सही मानते हुए, विधिवत समारोह के बिना शादी के बावजूद कांस्टेबल पति को भरण-पोषण भत्ता देने का निर्देश दिया। हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान भरण-पोषण से जुड़े कानून की महत्वता को समझाते हुए कहा कि इस कानून का उद्देश्य महिलाओं की आर्थिक परेशानियों को कम करना और उन्हें आत्मनिर्भर बनाना है।

 

High Court News: कोर्ट ने यह भी कहा कि यह कानून विशेष रूप से उन महिलाओं के लिए है, जो विवाह टूटने या घर छोड़ने की स्थिति में पहुंचती हैं। मामले के अनुसार, महिला ने 11 मार्च 2022 को रतनपुर मंदिर में पुलिस विभाग में कांस्टेबल के पद पर कार्यरत युवक से शादी की थी, जिसमें कुछ परिवार के सदस्य भी शामिल हुए थे। शादी के बाद, दोनों ने दो महीने तक एक साथ समय बिताया, लेकिन इसके बाद पति ने दहेज की मांग करते हुए दूसरी शादी की धमकी देना शुरू कर दिया।

 

High Court News: पत्नी से परेशान होकर महिला ने घर छोड़ दिया और फिर बलौदाबाजार के परिवार न्यायालय में भरण-पोषण के लिए आवेदन दिया। सुनवाई के दौरान, पति ने विवाह से इनकार करते हुए कहा कि वे केवल प्रेम संबंध में थे और उनकी पहचान फेसबुक के माध्यम से हुई थी। साथ ही, उसने यह आरोप भी लगाया कि महिला ने उसे धर्म परिवर्तन के लिए दबाव डाला।

 

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High Court News: परिवार न्यायालय ने विवाह के प्रमाण के अभाव में महिला का आवेदन खारिज कर दिया था। इसके खिलाफ महिला ने हाईकोर्ट में पुनरीक्षण याचिका दायर की। हाईकोर्ट ने सुनवाई के बाद पाया कि दोनों के बीच विवाह हुआ था, भले ही वह विधिवत समारोह के रूप में न हुआ हो, और यह भी पुष्टि की कि दोनों ने दो महीने तक एक साथ समय बिताया था।

High Court News: अदालत ने परिवार न्यायालय का आदेश रद्द करते हुए कहा कि भरण-पोषण का उद्देश्य महिलाओं को आर्थिक रूप से सक्षम बनाना है, ताकि वे अपने और अपने बच्चों की देखभाल कर सकें। कोर्ट ने कांस्टेबल पति, जो 35,000 रुपये मासिक वेतन प्राप्त करता है, को महिला को 5,000 रुपये प्रति माह भरण-पोषण देने का आदेश दिया।

 

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Mahendra Sahu

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