CG NEWS : घरघोड़ा क्षेत्र के तालबों का अस्तित्व समाप्त होने की कगार पर ? बहुत बड़ा हिस्सा कब्जाधारियों के चढ़ा भेंट ?
CG NEWS : घरघोड़ा क्षेत्र के तालबों का अस्तित्व समाप्त होने की कगार पर ? बहुत बड़ा हिस्सा कब्जाधारियों के चढ़ा भेंट ?

CG NEWS : घरघोड़ा(गौरी शंकर गुप्ता)। जल ही जीवन है जल को बचा लेना मतलब भावी जीवन को बचाना है गर्मी के साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों की अपेक्षा शहरी क्षेत्रों में जल की जरूरत ज्यादा महसूस की जाती है वहीं शहर के पुराने तालाब में अवैध कब्जा की दखल अंदाजी से तालाबों का अस्तित्व समाप्त होने के कगार पर है। जिससे शहरी क्षेत्रों में निस्तारी की समस्या विकराल रूप धारण करती जा रही है। शहर की जनसंख्या जिसे गति से बढ़ रही है और जिस तरह से औद्योगिककरण का दबाव बढ़ता जा रहा है।
CG NEWS : उसके अनुरूप तालाबों का संरक्षण व संवर्धन समय अनुकूल नहीं किया गया तो लोगों को पशु पक्षियों की तरह पानी के लिए भटकना पड़ेगा। शहर में मांग और पूर्ति के बीच खींचातानी से हालात बिगड़ते हैं जबकि गांव में तालाबों से निस्तारी की समस्या एक हद तक सुलझा ली जाती है शहर में इस तरह संकट के मौजूदा हालात को देखते हुए जल आपूर्ति के दूसरे विकल्प के रूप से तरण-तारणी तालाब के महत्व को आज समझने की जरूरत है। आज जल प्रबंधन व जल संचय के लिए नगर द्वारा वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम की जो दलीलें दी जा रही है वह तालाब की ही संरचना है। जिससे आज शहर में बहुत कम तालाब बचे हुए हैं लोगों को निस्तारित पेयजल के लिए नगर पंचायत की बोर पंप व टेप नलों का इंतजार करना पड़ रहा है।
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CG NEWS : तालाब हमारे जन सरोकार के परंपरागत साधन रहे है इसलिए इसे वृहद व विकसित रूप देकर इस साधन का अधिकाधिक उपयोग करने की जरूरत है इसके उलट शहर के तालाबों के प्रति स्थानीय प्रशासन हमेशा उदासीन रहा है यही कारण है कि शहर के प्रायः सभी तालाब सूखने की ओर हैं और पानी की मांग और पूर्ति के बीच प्रति व्यक्ति जल खपत बढ़ती ही जा रही है।
CG NEWS : तुलना करे तो शहर की तुलना में ग्रामीण 10 गुना कम पानी का उपयोग करते हैं जो तालाब के निस्तारित से ही संभव हो पाता है शहर बढ़ती जनसंख्या को देखते हुए जलापूर्ति का गंभीरता से चिंतन करें तो तालाब को सुविधा के सागर के रूप में देखा जा सकता है। वर्तमान में घरघोड़ा के तालाबों के अवैध कब्जों की दखल अंदाजी में तालाबों की प्राचीन संस्कृति को प्रभावित किया है समय रहते तालाबों का गहरीकरण व सफाई नहीं किया गया तो विकास का वास्तविक रूप समाप्त हो जाएगा और लोगों को निस्तारित पेयजल समस्या से निजात नहीं मिल पाएगा और साथ ही शहर में प्राचीन तालाबों का अस्तित्व समाप्त हो जाएगा।
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