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CG NEWS : पलाश का फूल: सौंदर्य, औषधीय गुण और परंपरा का प्रतीक, मनेंद्रगढ़-भरतपुर के जंगलों में खिली प्राकृतिक सुंदरता

CG NEWS : पलाश का फूल: सौंदर्य, औषधीय गुण और परंपरा का प्रतीक, मनेंद्रगढ़-भरतपुर के जंगलों में खिली प्राकृतिक सुंदरता

CG NEWS : गणेश तिवारी/मनेंद्रगढ चिरमिरी भरतपुर : वसंत ऋतु के आगमन के साथ ही जंगलों में पलाश के फूलों की लालिमा हर ओर छा गई है। मनेंद्रगढ़ से लेकर भरतपुर और कोरिया जिले के जंगलों में पलाश के पेड़ों पर खिले ये फूल प्रकृति प्रेमियों को अपनी ओर आकर्षित कर रहे हैं। सड़कों के किनारे लगे पेड़ों पर खिले इन फूलों ने न केवल पर्यावरण की शोभा बढ़ा दी है, बल्कि इनकी औषधीय महत्ता भी लोगों को चौंका रही है।

CG NEWS :होली के रंगों का प्राकृतिक स्रोत

CG NEWS :पलाश के फूलों का उपयोग प्राचीन काल से ही होली के रंग बनाने में किया जाता रहा है। पहले जब केमिकल युक्त रंग उपलब्ध नहीं थे, तब ग्रामीण इलाकों में लोग पलाश के फूलों को एकत्रित कर उन्हें पानी में भिगोकर प्राकृतिक रंग तैयार करते थे। यह रंग त्वचा के लिए सुरक्षित और हानिरहित होता है।

CG NEWS :औषधीय गुणों से भरपूर पलाश

CG NEWS :पलाश का पेड़ सिर्फ अपनी सुंदरता के लिए ही नहीं, बल्कि औषधीय गुणों के लिए भी जाना जाता है। मनेंद्रगढ़ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की आयुर्वेद विशेषज्ञ डॉ. पूर्णिमा सिंह बताती हैं कि पलाश के फूल, छाल और बीज कई बीमारियों के इलाज में उपयोगी हैं।

CG NEWS :पेट के कीड़ों का रामबाण इलाज:
पलाश के फूलों को सुखाकर उनका पाउडर बनाया जाता है। इसे गुड़ के साथ सेवन करने से पेट के कीड़े खत्म हो जाते हैं।लिवर और पथरी के लिए लाभदायक: पलाश की छाल को उबालकर पीने से पथरी और लिवर संबंधी रोगों में राहत मिलती है।त्वचा रोगों में कारगर: पलाश के फूलों से तैयार लेप को लगाने से फोड़े-फुंसी और अन्य त्वचा रोगों में राहत मिलती है।वजन घटाने में सहायक: आयुर्वेद में पलाश के फूलों के रस को वजन घटाने के लिए उपयोगी बताया गया है।

CG NEWS :ग्रामीणों के जीवन का अभिन्न हिस्सा

CG NEWS :ग्रामीण क्षेत्रों में पलाश के पेड़ के पत्तों से दोने-पत्तल बनाए जाते हैं, जो पर्यावरण के अनुकूल होते हैं। इसके अलावा, तेंदूपत्ता संग्राहकों के लिए भी पलाश के फूल एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। ग्रामीण राजकुमार का कहना है कि पलाश का फूल कई तरह की बीमारियों में लाभकारी होता है। यह बुखार, लू लगने और त्वचा संबंधी रोगों में उपयोगी है। उन्होंने बताया कि तेंदूपत्ता तोड़ने वाले लोग पलाश के रस का उपयोग कर अपनी थकान मिटाते हैं।

CG NEWS :ग्रामीण जगजीवन सिंह बताते हैं कि पलाश के पेड़ का हर हिस्सा औषधीय गुणों से भरपूर होता है। इसके पत्तों से दोने और पत्तल बनाए जाते हैं, जो पहले ग्रामीणों की आजीविका का मुख्य साधन हुआ करते थे। पलाश की लकड़ी से लाख निकाली जाती है, जिसका उपयोग व्यापारिक कार्यों में किया जाता है।

CG NEWS :फूलचंद बैगा के अनुसार, छोटे बच्चों को नहलाने के लिए पलाश के फूलों का रस गर्म कर उपयोग किया जाता है। इससे त्वचा रोग और शरीर में जलन से राहत मिलती है।

CG NEWS :संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए बहुउपयोगी

CG NEWS :डॉ. पूर्णिमा सिंह आगे बताती हैं कि पलाश के बीजों का सेवन करने से शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। राजस्थान और गुजरात में विशेष परंपरा के तहत बसंत ऋतु के दौरान पलाश के फूलों से स्नान करने का चलन है, जिससे शरीर में वात, पित्त और कफ का संतुलन बना रहता है।

CG NEWS :प्राकृतिक चिकित्सा का अनमोल खजाना

CG NEWS :पलाश के पेड़ को ‘जंगल का सोना’ कहा जाता है, क्योंकि यह गरीबों के लिए औषधीय लाभ पहुंचाने वाला पेड़ है। मनेंद्रगढ़, भरतपुर और कोरिया जिले में इसके व्यापक उपयोग को देखते हुए आयुर्वेद विशेषज्ञ लोगों को जागरूक कर रहे हैं कि वे इस प्राकृतिक वरदान का अधिकतम लाभ उठाएं।

Mahendra Sahu

Hello friends, my name is Mahendra Sahu and I live in Chhattisgarh. I started blogging in 2013. I am very fond of writing or telling someone about media and news. Now with the help of viralchhattisgarh.com, I am ready to tell you every information related to news. Thank you

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