Delhi Election : मोदी और केजरीवाल के मॉडल में क्या फर्क? असली ‘विकास किंग’ कौन होगा साबित
Delhi Election : मोदी और केजरीवाल के मॉडल में क्या फर्क? असली ‘विकास किंग’ कौन होगा साबित

Delhi Election : नई दिल्ली: दिल्ली चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सक्रियता अब बढ़ चुकी है। शुक्रवार को उन्होंने एक ओर झुग्गी-झोपड़ी के निवासियों को फ्लैट की चाबी सौंपी, तो दूसरी ओर दिल्लीवासियों को एक अहम संदेश दिया। इस संदेश में उन्होंने AAP को दिल्ली के लिए ‘आपदा’ करार दिया। उनके संबोधन से यह साफ हो गया कि इस चुनाव में असली मुकाबला दो विकास मॉडल्स के बीच होगा केजरीवाल का दिल्ली मॉडल और मोदी का ‘गुजरात मॉडल’।
Delhi Election : ये दो मॉडल खास हैं क्योंकि एक ने नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री बनाया और दूसरे ने अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी का विस्तार देशभर में किया। दोनों मॉडल पर बहस होती रहती है और दोनों यह दावा करते हैं कि उनका प्राथमिक ध्यान विकास पर है। लेकिन सवाल यह उठता है कि इन दोनों मॉडलों का असल में मतलब क्या है और इनमें अंतर क्या है?
Delhi Election : केजरीवाल का दिल्ली मॉडल
Delhi Election : अरविंद केजरीवाल का दिल्ली मॉडल चार मुख्य स्तंभों पर आधारित है सुरक्षित और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, मोहल्ला क्लीनिक, सस्ती बिजली और फ्री योजनाएं। केजरीवाल का मानना है कि एक सशक्त इकोनॉमिक मॉडल वह है, जिसमें गरीबों के हाथ में पैसा दिया जाए ताकि वे बाजार में खर्च कर सकें, जिससे डिमांड और सप्लाई की चेन सक्रिय रहे। इसी मॉडल के तहत केजरीवाल ने महिलाओं को पैसे देने, बिजली बिल माफी और पानी बिल माफी की योजनाएं लागू की हैं। साथ ही मोहल्ला क्लीनिक में मुफ्त इलाज उपलब्ध कराकर स्वास्थ्य क्षेत्र में भी सुधार किया है।
Delhi Election : मोदी का गुजरात मॉडल
Delhi Election : अब बात करें प्रधानमंत्री मोदी के गुजरात मॉडल की तो यह महत्वाकांक्षी योजनाओं पर आधारित है, जिनका उद्देश्य भारत को आत्मनिर्भर और आधुनिक बनाना है। इसका उदाहरण गुजरात की छतों पर सोलर पैनल्स की संख्या है, और इस मॉडल को पूरे देश में सूर्योदय योजना के तहत फैलाया गया है। इसके अलावा, गुजरात मॉडल में इंफ्रास्ट्रक्चर पर खास ध्यान दिया गया है, जिसमें सड़कें, हाइवेज और अत्याधुनिक टनल्स प्रमुख हैं। डिजिटल इंडिया, डायरेक्ट बैंक ट्रांसफर और पेपरलैस कामकाज मोदी के कार्यकाल की पहचान बने हैं।
Delhi Election : मोदी और केजरीवाल मॉडल की समानताएं
Delhi Election : इन दोनों मॉडलों में एक समानता यह है कि दोनों का लक्ष्य अंतिम पंक्ति के व्यक्ति तक योजनाओं का लाभ पहुंचाना है। जहां केजरीवाल गरीब महिलाओं को मासिक पैसा दे रहे हैं, वहीं मोदी राशन वितरण योजनाओं के जरिए लोगों को राहत प्रदान कर रहे हैं। दोनों ही नेताओं के मॉडल में भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त रवैया भी शामिल है, हालांकि इन दोनों के कार्यकाल में कुछ विवाद भी उठे हैं।
Delhi Election : अब दिल्ली के चुनाव में इन दोनों मॉडलों की असल परीक्षा होने जा रही है। यह चुनाव यह तय करेगा कि किस मॉडल के तहत दिल्ली की जनता की आकांक्षाओं को अधिक साकार किया जा सकता है। अब तक दिल्ली में केजरीवाल का मॉडल जनता को पसंद आता आया है, लेकिन इस बार चुनाव के परिणामों से यह साफ होगा कि दिल्ली की जनता का मूड अब किस दिशा में है।