Teak-Tree : यहां बड़े और हरे-भरे पेड़ों को लगा रहे इंजेक्शन, जानिए क्या है इसके पीछे का कारण
Teak-Tree : यहां बड़े और हरे-भरे पेड़ों को लगा रहे इंजेक्शन, जानिए क्या है इसके पीछे का कारण

नई दिल्ली | Teak-Tree : मध्यप्रदेश के बुरहानपुर जिले में बड़े और हरे-भरे पेड़ों को इंजेक्शन लगाए जा रहे हैं, खासकर सागौन के पेड़ों में। यह काम घने जंगलों में किया जा रहा है, जहां पेड़ों से बड़ी मात्रा में गोंद निकालने के लिए ये इंजेक्शन लगाए जा रहे हैं। Teak-Tree हालांकि, इससे कई पेड़ सूख रहे हैं और वन विभाग ने आठ महीने पहले सागौन के पेड़ों से गोंद निकालने पर प्रतिबंध भी लगा दिया था। Teak-Tree
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Teak-Tree लेकिन, पूर्व डीएफओ विजय सिंह के आदेश को पलटते हुए, वर्तमान प्रभारी डीएफओ ने गोंद निकालने पर प्रतिबंध हटा दिया और व्यापारियों को लाइसेंस जारी कर दिए, जिससे बवाल मच गया है। Teak-Tree
Teak-Tree बुरहानपुर वन मंडल में सागौन, सलाई, धावड़ा, साजा और अंजन जैसे पेड़ अधिक मात्रा में हैं। सर्दियों में इन पेड़ों से प्राकृतिक रूप से गोंद निकलता है, लेकिन व्यापारियों ने पेड़ों से अधिक गोंद निकालने के लिए अवैज्ञानिक तरीके अपनाए। इसके तहत पेड़ों की छाल निकालने, तनों में कट मारने और इंजेक्शन लगाने का काम शुरू किया गया। इस वजह से कई पेड़ सूख गए और कुछ गिर गए।
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Teak-Tree राज्य सरकार ने जनवरी 2023 में जंगल से गोंद संग्रहण की अनुमति दी थी, जिसके बाद व्यापारियों और गांवों की समितियों को लाइसेंस जारी किए गए थे। लेकिन व्यापारियों ने गोंद के लालच में पेड़ों पर इंजेक्शन लगाना शुरू कर दिया। जब पेड़ों को नुकसान होने लगा, तब वन विभाग ने 14 फरवरी 2024 को गोंद निकालने पर प्रतिबंध लगा दिया और 10 समितियों के लाइसेंस रद्द कर दिए।
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अब, बुरहानपुर के प्रभारी डीएफओ ने प्रतिबंध हटा दिया और छह नए लाइसेंस जारी कर दिए, जिस पर वन समितियों ने विरोध शुरू कर दिया है। शिकायतकर्ता जितेंद्र रावतोले ने कलेक्टर से शिकायत की है, जिसमें उन्होंने गोंद निकालने के लाइसेंस निरस्त करने की मांग की है। उनका कहना है कि पेड़ों से ज्यादा गोंद निकालने के लिए केमिकल और इंजेक्शन का इस्तेमाल किया जा रहा है, जिससे पेड़ समय से पहले खोखले हो जाते हैं और पर्यावरण को नुकसान पहुंचता है।
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Teak-Tree वहीं, एसडीओ अजय सागर ने कहा कि प्रभारी डीएफओ ने गोंद निकालने के लाइसेंस इसलिए जारी किए क्योंकि इससे 15 हजार लोगों को रोजगार मिलता है। उन्होंने यह भी बताया कि केमिकल के उपयोग से शिकायतें आती हैं, लेकिन विभाग इसकी निगरानी कर रहा है और अगर कोई समस्या आएगी, तो जांच की जाएगी।
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Teak-Tree इस मामले में यह बात सामने आई है कि गोंद निकालने के लिए पेड़ों की छाल को अधिक मात्रा में हटाया जाता है और विभिन्न केमिकल जैसे इथेफॉन, हार्मोन और गेमेक्सॉन इंजेक्शन का इस्तेमाल किया जाता है, जो वन संपदा के लिए नुकसानदायक हैं।