Prabal Pratap Judev : प्रबल प्रताप जूदेव ने कहा – छत्तीसगढ़ में धर्मांतरण बड़ी समस्या, प्रदेशभर में होगा बड़ा आंदोलन
Prabal Pratap Judev : प्रबल प्रताप जूदेव ने कहा – छत्तीसगढ़ में धर्मांतरण बड़ी समस्या, प्रदेशभर में होगा बड़ा आंदोलन

Prabal Pratap Judev : रायपुर। छत्तीसगढ़ में 651 धर्मांतरित परिवारों की सनातन धर्म में घर वापसी को लेकर अखिल भारतीय घर वापसी के प्रमुख प्रबल प्रताप जूदेव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि सक्ती क्षेत्र में 651 धर्मांतरित परिवारों की पुनः सनातन धर्म में घर वापसी कराई गई है। उन्होंने आरोप लगाया कि ईसाई मिशनरियों ने कई वर्षों से सक्ती और आसपास के जिलों में धर्म परिवर्तन का प्रचार किया है, जिससे चुनावों पर प्रभाव पड़ रहा है और क्षेत्र की जनसांख्यिकी बदल रही है, जो एक गंभीर चिंता का विषय है।
Prabal Pratap Judev : अमित जोगी पर निशाना साधते हुए जूदेव ने कहा कि उनके पास कोई मुद्दा नहीं है। वे खुद एक ‘क्रिप्टो क्रिश्चियन’ हैं और मुझ पर लांछन लगा रहे हैं। जूदेव ने यह भी कहा कि उनका यह काम भाजपा के बनने से पहले ही उनके पिता ने शुरू किया था। उन्होंने पंजाब के मुख्यमंत्री चन्नी को उदाहरण देते हुए कहा कि वे हिंदू हैं, लेकिन वे कुछ और ही काम कर रहे हैं। जूदेव ने ऐसे लोगों के खिलाफ प्रदेशभर में एक बड़ा आंदोलन करने की बात कही।
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Prabal Pratap Judev : इसके अलावा, जूदेव ने डीलिस्टिंग को लेकर भी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि वनवासी समुदाय को लाभ मिलना चाहिए, और इसके लिए वे बड़े प्रदर्शन करेंगे। उन्होंने कहा कि जो धर्मांतरित लोग अब इसका फायदा उठा रहे हैं, उनके आरक्षण को बंद किया जाना चाहिए और इसके लिए वे जशपुर से रायपुर तक पदयात्रा करेंगे।
Prabal Pratap Judev : प्रबल प्रताप जूदेव ने यह भी कहा कि छत्तीसगढ़ में धर्मांतरण एक गंभीर सांस्कृतिक समस्या बन गई है, विशेषकर जनजातीय क्षेत्रों में। उन्होंने आरोप लगाया कि ईसाई मिशनरी गरीब और भोले-भाले लोगों को भ्रमित कर धर्म परिवर्तन करा रहे हैं, जिससे उनकी संस्कृति और पहचान खतरे में पड़ रही है। जूदेव ने कहा कि मिशनरी धर्म परिवर्तन के लिए प्रोजेक्ट चला रहे हैं, जो समाज और देश के लिए खतरनाक है।
Prabal Pratap Judev : उन्होंने यह भी कहा कि आज जनजातीय समाज की पहचान संकट में है, और कई गांवों में धर्मांतरित और मूल संस्कृति से जुड़े समुदायों के बीच तनाव बढ़ रहा है। जूदेव ने बस्तर और अन्य क्षेत्रों में धर्मांतरण के कारण हुई घटनाओं का हवाला देते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ पहले शांति का टापू था, लेकिन अब धर्मांतरण के कारण समाज में बिखराव हो रहा है।