National

Chaitra Navratri 2025 : चैत्र नवरात्रि के चौथे दिन मां कूष्मांडा की होती है पूजा, जानें महत्व, पूजा विधि और कथा

 

नई दिल्ली। Chaitra Navratri 2025 : आज, बुधवार 2 अप्रैल को चैत्र नवरात्रि का चौथा दिन है, जो मां कूष्मांडा की पूजा के लिए समर्पित है। देवी कूष्मांडा के आठ भुजाएं होती हैं, जिनमें वह कमंडल, धनुष, बाण, कमल का फूल, अमृत कलश, चक्र, गदा और जप माला धारण करती हैं। उनका रूप दिव्य और अलौकिक माना जाता है। वे शेर पर सवार होकर संसार के कल्याण के लिए कृपा बरसाती हैं।

Chaitra Navratri 2025 : मां कूष्मांडा की पूजा से भक्तों के मान-सम्मान में वृद्धि होती है और उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत होती है। इस दिन विशेष रूप से मां कूष्मांडा की आराधना से हर तरह की बाधाएं दूर होती हैं और भक्तों को सुख-समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है।

Read More : Chaitra Navratri 2025 : चैत्र नवरात्रि के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की होती है उपासना, ऐसे करें मान को प्रसन्न! जाने पूजा विधि और कथा…

Chaitra Navratri 2025 : मां कूष्मांडा की पूजा विधि
पूजा आरंभ करने से पहले सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र पहनें। फिर घर के मंदिर या पूजा स्थान को गंगाजल से शुद्ध करें। वहां मां कूष्मांडा की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें। अब शुद्ध घी का दीपक जलाएं और मां को कुमकुम तथा हल्दी से तिलक करें। मां कूष्मांडा को लाल रंग का कपड़ा या चादर चढ़ाएं और उनके भोग के रूप में मालपुए, दही और हलवे का भोग अर्पित करें। इसके बाद मां के मंत्रों का जाप करें और पुष्प अर्पित करके मां की आरती गायें।

Chaitra Navratri 2025 : मां कूष्मांडा का मंत्र
ऊं कूष्माण्डायै नम:
बीज मंत्र
कूष्मांडा: ऐं ह्री देव्यै नम:
ध्यान मंत्र
या देवी सर्वभू‍तेषु मां कूष्माण्डा रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

Read More : Chaitra Navratri 2025 : चैत्र नवरात्री का दूसरा दिन आज, मां ब्रह्मचारिणी की होगी पूजा, जानें पूजा विधि और कथा

Chaitra Navratri 2025 : मां कूष्मांडा का भोग
मां कूष्मांडा को विशेष रूप से मालपुए का भोग प्रिय है। इसके अतिरिक्त, दही और हलवे का भोग भी उन्हें अर्पित किया जाता है। इन भोगों के साथ-साथ, भक्तों को यह मान्यता है कि इन भोगों से मां कूष्मांडा का आशीर्वाद प्राप्त होता है, जो जीवन में सुख-समृद्धि और सुखद संतान सुख प्रदान करता है।

Chaitra Navratri 2025 : मां कूष्मांडा शुभ रंग
चैत्र नवरात्रि के चौथे दिन का शुभ रंग नारंगी या गहरा नीला होता है। इस रंग को पहनकर मां की पूजा करना अत्यंत शुभ माना जाता है।

Read More : Chaitra Navratri : चैत्र नवरात्रि के दूसरे दिन होती है मां ब्रह्मचारिणी की पूजा, माँ ब्रह्मचारिणी का रूप श्वेत वस्त्रों में होता है सुशोभित

Chaitra Navratri 2025 : मां कूष्मांडा की कथा
पौराणिक कथा के अनुसार, एक समय ऐसा आया था जब ब्रह्मा, विष्णु और महेश सृष्टि की रचना में असमर्थ थे। समस्त सृष्टि में अंधकार और शून्यता का वातावरण था। कोई जीवन नहीं था, और न ही कोई शक्ति काम कर रही थी। देवताओं ने इस स्थिति का समाधान ढूंढने के लिए मां दुर्गा की आराधना की। तब मां दुर्गा ने अपने कूष्मांडा रूप में ब्रह्मा, विष्णु और महेश के सामने प्रकट होकर सृष्टि का निर्माण किया। ‘कूष्मांडा’ शब्द का अर्थ होता है ‘कूष्म’ (तरंग) और ‘आंड़ा’ (अंडा), अर्थात वह देवी जो ब्रह्मांड के अंडे के रूप में प्रकट होकर सृष्टि की रचना करती हैं।

Naveen Kumar

नमस्कार दोस्तों, मेरा नाम नवीन कुमार है और मैं भारत का रहने वाला हूँ। अब मैं viralchhattisgarh.com की मदद से आपको छत्तीसगढ़ समाचार और कई अन्य चीजों से जुड़ी हर जानकारी बताने के लिए तैयार हूं। धन्यवाद

Related Articles

Back to top button