CG BIG NEWS : जब आवाज़ अनसुनी रह गई, तो खून ने दी गवाही-छुरा की दलित महिला ने राष्ट्रपति को लिखा दर्द भरा पत्र
CG BIG NEWS : When the voice remained unheard, the blood gave testimony- a Dalit woman from Chhura wrote a painful letter to the President

गरियाबंद। CG BIG NEWS : छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले के छुरा ब्लॉक से एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसने इंसाफ के लिए संघर्ष की हदों को पार कर दिया। यहां की 70 वर्षीय दलित महिला ओमबाई बघेल ने अपने खून से राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखा है। उन्होंने इस पत्र में न सिर्फ अपनी पीड़ा को व्यक्त किया है, बल्कि यह सवाल भी खड़ा किया है कि जब कानून और प्रशासन खामोश हो जाए, तो एक आम नागरिक कहाँ जाए?

समाधि तोड़ी, सम्मान छीना… फिर भी नहीं मिला न्याय
ओमबाई बघेल ने अपने खून से लिखे पत्र में आरोप लगाया है कि कुछ लोगों ने उनके पूर्वजों की समाधि (मठ) को जबरदस्ती तोड़ दिया और उनके परिवार के साथ अपमानजनक व्यवहार किया गया। इस घटना से आहत ओमबाई ने स्थानीय प्रशासन से बार-बार गुहार लगाई। उन्होंने गरियाबंद कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक और थाना प्रभारी को कई आवेदन दिए, लेकिन उनकी शिकायतों पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।
“जब कोई नहीं सुनता, तब खून गवाही देता है”
टीबी जैसी गंभीर बीमारी से जूझ रहीं ओमबाई बघेल ने कहा –
“मैंने हर दरवाज़ा खटखटाया, पर कोई नहीं सुनता। अब मेरे पास सिर्फ मेरा खून है, और वही मेरी गवाही है।”
CG BIG NEWS ओमबाई का कहना है कि उन्होंने न्याय की उम्मीद में सब कुछ आज़मा लिया, लेकिन कहीं सुनवाई नहीं हुई। आखिरकार, उन्होंने राष्ट्रपति को एक ऐसा पत्र लिखा जो अब पूरे प्रदेश का ध्यान खींच रहा है।
सवालों के घेरे में प्रशासन
यह घटना प्रशासनिक तंत्र की संवेदनहीनता पर भी सवाल खड़े करती है। एक बुजुर्ग, बीमार दलित महिला को जब न्याय पाने के लिए अपने खून का सहारा लेना पड़े, तो यह सिर्फ एक व्यक्तिगत त्रासदी नहीं बल्कि सिस्टम की असफलता का प्रमाण बन जाती है।
अब क्या होगा?
CG BIG NEWS अब देखना यह है कि राष्ट्रपति कार्यालय या राज्य सरकार इस पत्र को कितनी गंभीरता से लेती है। क्या ओमबाई को न्याय मिलेगा? या उनका खून से लिखा पत्र भी फाइलों के ढेर में गुम हो जाएगा?