
नई दिल्ली | BREAKING NEWS : मेरठ के सौरभ राजपूत हत्याकांड में एक नया मोड़ सामने आया है। जानकारी के अनुसार, हत्या के आरोप में जेल में बंद मुस्कान अब मां बनने वाली हैं। सीएमओ डॉक्टर अशोक कटारिया ने इस बात की पुष्टि की है, और बताया कि मुस्कान की प्रेग्नेंसी रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। उन्होंने बताया कि जेल प्रशासन से मिली जानकारी के बाद एक टीम भेजकर मुस्कान का प्रेग्नेंसी टेस्ट कराया गया, जिसमें यह पता चला कि वह गर्भवती हैं।
BREAKING NEWS कुछ दिन पहले मुस्कान ने अपने प्रेमी साहिल के साथ मिलकर अपने पति सौरभ राजपूत की हत्या कर दी थी। दोनों ने सौरभ के शव के कई टुकड़े करके उसे नीले ड्रम में भरकर उसमें सीमेंट डाल दिया था। यह भयावह हत्याकांड मीडिया में खूब चर्चा में रहा।
अब जब मुस्कान की प्रेग्नेंसी रिपोर्ट पॉजिटिव आई है, तो यह सवाल उठता है कि जेल में जन्म लेने वाले मुस्कान के बच्चे को कौन-कौन से अधिकार प्राप्त होंगे? भारतीय कानून के तहत जेल में जन्मे बच्चों को क्या अधिकार मिलते हैं, आइए जानते हैं। BREAKING NEWS
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जेल में जन्मे बच्चों के अधिकार
भारत में कई महिलाएं ऐसी हैं, जो या तो गर्भवती हैं या फिर नवजात बच्चों के साथ जेल में बंद हैं। भारतीय जेल नियमों के अनुसार, यदि कोई महिला कैदी गर्भवती है, तो उसे बच्चे के जन्म के बाद एक महीने के लिए अलग सेल में रखा जाता है, ताकि बच्चे को संक्रमण न हो और उसकी देखभाल ठीक से की जा सके। अगर महिला के साथ पहले से छोटा बच्चा है, तो उसे 6 साल तक मां के साथ जेल में रहने की अनुमति मिलती है। इस दौरान जेल प्रशासन यह सुनिश्चित करता है कि बच्चे पर जेल के माहौल का नकारात्मक प्रभाव न पड़े, और इसके लिए विशेष व्यवस्था की जाती है।
कानूनी अधिकार
BREAKING NEWS भारतीय कानून के अनुसार, जेल में जन्मे बच्चों को भी अन्य बच्चों की तरह सभी मूलभूत अधिकार मिलते हैं, जैसे जीवन जीने, शिक्षा, स्वास्थ्य और सुरक्षा के अधिकार। यह जेल प्रशासन की जिम्मेदारी होती है कि वह इन बच्चों के सही विकास के लिए पूरी व्यवस्था करे। यदि बच्चे छोटे होते हैं, तो उन्हें अपनी मां के साथ रहने दिया जाता है, और जैसे-जैसे बच्चे बड़े होते हैं, जेल प्रशासन उनकी शिक्षा और स्वास्थ्य का पूरा ध्यान रखता है।
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महिलाओं और बच्चों की स्थिति
BREAKING NEWS एनसीआरबी की 2023 की रिपोर्ट के अनुसार, भारत की 1330 जेलों में 5.73 लाख से अधिक कैदी बंद हैं, जिनमें से 23,772 महिलाएं हैं। इनमें से 1537 महिलाएं अपनी बच्चों के साथ जेल में हैं। आधी से ज्यादा महिलाएं ऐसी हैं, जिन्होंने जेल में रहते हुए बच्चे को जन्म दिया है। भारतीय कानून यह मानता है कि माता-पिता के अपराधों की सजा बच्चों को नहीं मिलनी चाहिए, और जेल प्रशासन की जिम्मेदारी है कि वे बच्चों का सर्वांगीण विकास सुनिश्चित करें।