
नई दिल्ली। BIG NEWS : जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले के बाद देशभर में गुस्से का माहौल है। इस हमले को लेकर ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने न सिर्फ हमले की कड़ी निंदा की, बल्कि सुरक्षा एजेंसियों और केंद्र सरकार से कई गंभीर सवाल भी पूछे।
ओवैसी का बड़ा बयान: आतंकियों के खात्मे से ही मिलेगा इंसाफ
ओवैसी ने कहा, “इन आतंकियों के खात्मे से ही उन पीड़ित परिवारों को इंसाफ मिलेगा, जिनके अपने इस जघन्य हमले में मारे गए हैं।” उन्होंने सवाल किया कि जब यह इलाका पर्यटकों से भरा हुआ था, तो वहां न तो कोई सुरक्षा चौकी थी और न ही सीआरपीएफ कैंप।
उन्होंने कहा, “QRT (क्विक रिएक्शन टीम) को पहुंचने में एक घंटे से ज्यादा वक्त लग गया और तब तक इन हरकतों ने लोगों से उनका धर्म पूछ कर गोली मार दी। ये कैसे संभव हुआ?”
“सीमा पार कर पहलगाम पहुंचे, श्रीनगर भी पहुंच सकते थे”
ओवैसी ने इस हमले को लेकर दो अहम सवाल उठाए:
- पाकिस्तान से आए ये आतंकी आखिर सीमा पार कर कैसे घुस आए?
- अगर ये पहलगाम तक पहुंच सकते हैं, तो क्या श्रीनगर भी सुरक्षित है?
उन्होंने कहा कि सिर्फ हमले की निंदा करना काफी नहीं है, बल्कि जब तक जवाबदेही तय नहीं होगी, तब तक न्याय अधूरा रहेगा।
प्रधानमंत्री से सर्वदलीय बैठक की मांग
AIMIM नेता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से संसद में सभी राजनीतिक दलों को शामिल करते हुए एक सर्वदलीय बैठक बुलाने की मांग की। ओवैसी ने यह भी कहा कि देशहित के मुद्दों पर छोटे दलों की अनदेखी नहीं की जानी चाहिए।
उन्होंने बताया कि उन्होंने बुधवार रात केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू से बात की थी, लेकिन बताया गया कि केवल बड़ी संख्या वाले दलों को आमंत्रित किया जा रहा है। इस पर उन्होंने सवाल उठाया, “क्या सिर्फ 5 या 10 सांसदों वाले दलों को नजरअंदाज किया जाएगा?”
“यह भाजपा की बैठक नहीं, राष्ट्र की जिम्मेदारी है”
ओवैसी ने यह भी कहा, “यह भाजपा की आंतरिक बैठक नहीं है, बल्कि देश की सुरक्षा और आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता दिखाने का वक्त है। प्रधानमंत्री को चाहिए कि वह सभी दलों की बात सुनें, भले ही इसके लिए एक घंटा ज्यादा देना पड़े।”
पृष्ठभूमि: पहलगाम हमला
मंगलवार को जम्मू-कश्मीर के बैसरन इलाके में हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की मौत हो गई थी। हमलावरों ने कथित तौर पर पीड़ितों की पहचान धर्म पूछकर की और फिर उन पर गोलियां चलाईं। इस घटना की निंदा पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय की ओर से भी की गई है।