BIG NEWS : पूर्व ISRO प्रमुख डॉ. के. कस्तूरीरंगन का निधन, 84 वर्ष की उम्र में ली अंतिम सांस
BIG NEWS : Former ISRO chief Dr. K. Kasturirangan passed away, breathed his last at the age of 84

बेंगलुरु । BIG NEWS : भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के पूर्व अध्यक्ष और देश के प्रख्यात वैज्ञानिक डॉ. के. कस्तूरीरंगन का गुरुवार को निधन हो गया। वे 84 वर्ष के थे और पिछले कुछ वर्षों से अस्वस्थ चल रहे थे।
डॉ. कस्तूरीरंगन ने 1994 से 2003 तक ISRO का नेतृत्व किया, जब भारत को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई तकनीकी प्रतिबंधों का सामना करना पड़ा, विशेषकर क्रायोजेनिक तकनीक की पहुंच को लेकर। इस चुनौतीपूर्ण समय में उन्होंने आत्मनिर्भरता की दिशा में इसरो को आगे बढ़ाया।
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चंद्रयान की नींव रखने वाले वैज्ञानिक
उनके कार्यकाल के दौरान इसरो ने कई बड़ी अंतरिक्ष परियोजनाओं की नींव रखी, जिनमें चंद्रयान मिशन प्रमुख है। उन्होंने भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम को वैश्विक स्तर पर प्रतिष्ठा दिलाई और उपग्रह प्रक्षेपणों को लेकर कई ऐतिहासिक उपलब्धियां दर्ज कीं।
शिक्षा और नीति निर्माण में भी रहा योगदान
सेवानिवृत्ति के बाद डॉ. कस्तूरीरंगन राज्यसभा के सदस्य बने और फिर योजना आयोग में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने शिक्षा, पर्यावरण और विज्ञान-प्रौद्योगिकी जैसे विषयों पर कई सरकारी समितियों का नेतृत्व किया। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के निर्माण में उनका मार्गदर्शन अहम रहा।
प्रधानमंत्री और केंद्रीय मंत्री ने जताया शोक
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया पर शोक व्यक्त करते हुए कहा,
“डॉ. कस्तूरीरंगन के निधन से अत्यंत दुखी हूं। वे भारत की वैज्ञानिक और शैक्षिक यात्रा के एक प्रेरणास्रोत थे। इसरो को नई ऊंचाइयों पर ले जाने में उनका योगदान अविस्मरणीय रहेगा।”
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विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने भी शोक व्यक्त किया और कहा कि कस्तूरीरंगन की वैज्ञानिक दृष्टि और नेतृत्व को देश सदैव याद रखेगा।
स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे थे
दो वर्ष पूर्व उन्हें हल्का हृदयाघात हुआ था, जिसके बाद से वे निरंतर अस्वस्थ चल रहे थे। भारत ने एक ऐसे वैज्ञानिक को खो दिया है, जिन्होंने विज्ञान, शिक्षा और नीति के क्षेत्र में अद्वितीय योगदान दिया। उनका जीवन और कार्य आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करता रहेगा।