Chhattisgarh

Bacheli : एनएमडीसी प्रबंधन को मजदूर संगठनों ने सौंपा ज्ञापन, वेतन और भर्ती प्रक्रिया में देरी पर जताई नाराजगी

Bacheli: Labor organizations submitted memorandum to NMDC management, expressed displeasure over delay in salary and recruitment process.

फकरे आलम खान, बचेली (Bacheli)। एनएमडीसी (राष्ट्रीय खनिज विकास निगम) की परियोजनाओं में कार्यरत श्रमिकों के हितों के लिए मेटल माइंस वर्कर्स यूनियन (इंटक) और संयुक्त खदान मजदूर संघ (एटक) ने एकजुट होकर प्रबंधन को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में वेतन समझौता, भर्ती प्रक्रिया में देरी और अन्य लंबित मांगों को शीघ्र हल करने की मांग की गई।

प्रमुख मुद्दे

1. 2021 से लंबित वेतन समझौता: नियमित कर्मचारियों के लिए यह समझौता अब तक अधर में है।2. ठेका श्रमिकों का वेतन समझौता: अप्रैल 2024 से लंबित वेतन संशोधन पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।3. भर्ती प्रक्रिया में देरी: एनएमडीसी की विभिन्न परियोजनाओं में 1,200 पद रिक्त हैं, लेकिन अब तक भर्ती प्रक्रिया शुरू नहीं की गई।

बढ़ता असंतोष

इन लंबित मुद्दों ने एनएमडीसी के सभी प्रोजेक्ट्स, खासकर बैलाडिला क्षेत्र में श्रमिकों और ठेका कर्मियों के बीच भारी असंतोष पैदा कर दिया है। मजदूर संगठनों ने 14 दिनों के भीतर ठोस निर्णय न होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है।

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वेतन समझौते में देरी पर आक्रोश

मजदूर संगठनों का कहना है कि वेतन समझौते में इतनी देरी पहले कभी नहीं हुई। प्रबंधन और यूनियनों के बीच 8 बैठकों में सहमति बनी थी, जिसमें 15% वेतन वृद्धि का प्रस्ताव इस्पात मंत्रालय को भेजा गया। लेकिन मंत्रालय की ओर से अब तक कोई स्वीकृति नहीं मिली।

इंटक के सचिव श्री आशीष यादव ने इस स्थिति को “श्रमिक अधिकारों की उपेक्षा” बताते हुए कहा:
“एनएमडीसी जैसी प्रतिष्ठित कंपनी में श्रमिकों को उनके हक के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है। यह स्थिति बर्दाश्त नहीं की जाएगी।”

सरकार और प्रबंधन की आलोचना

एटक के अध्यक्ष श्री जागेश्वर प्रसाद ने कहा:
“देश के विकास में श्रमिकों की 100% भागीदारी है। हम उच्च गुणवत्ता का लौह अयस्क उत्खनन कर देश की अर्थव्यवस्था को सशक्त कर रहे हैं। इसके बावजूद श्रमिकों के साथ ऐसा रवैया चिंताजनक और अस्वीकार्य है।”

ज्ञापन रैली और प्रदर्शन

13 जनवरी को ज्ञापन सौंपने के दौरान नियमित और ठेका श्रमिकों ने बड़ी संख्या में भाग लिया। श्रमिक विरोधी नीतियों के खिलाफ नारेबाजी करते हुए उन्होंने अपने अधिकारों के लिए एकजुटता दिखाई।

आंदोलन की योजना

मजदूर संगठनों ने स्पष्ट किया है कि वे अपने अधिकारों की लड़ाई जारी रखेंगे।
“यह संघर्ष मजदूरों के सम्मान और अधिकारों की रक्षा के लिए है,” इंटक और एटक ने कहा। यदि प्रबंधन जल्द कोई ठोस निर्णय नहीं लेता, तो आंदोलन और तेज किया जाएगा।

Naveen Kumar

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