National

Aghori Baba : इन 3 कठिन परीक्षाओं से गुजरकर बनते हैं अघोरी, जानिए साधुओं से कैसे हैं अलग

Aghori Baba : इन 3 कठिन परीक्षाओं से गुजरकर बनते हैं अघोरी, जानिए साधुओं से कैसे हैं अलग

नई दिल्ली | Aghori Baba : प्रयागराज में इस समय महाकुंभ मेला आयोजित हो रहा है, जो 13 जनवरी 2025 से शुरू हुआ और 26 फरवरी 2025 तक चलेगा। इस आयोजन में देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु संगम में स्नान करने पहुंचे हैं। इस महाकुंभ के दौरान अघोरी और नागा साधु श्रद्धालुओं के बीच आकर्षण का प्रमुख केंद्र बने हुए हैं। Aghori Baba

इन दोनों साधुओं की जीवनशैली और पूजा विधि में अंतर होता है, और दोनों की दुनिया भी अत्यंत रहस्यमयी है। क्या आप जानते हैं अघोरी बनने की प्रक्रिया क्या है, और अघोरी और साधुओं में क्या अंतर होता है? Aghori Baba

READ MORE: MP NEWS : फिर कलंकित हुई राजधानी: घूमाने के बहाने बच्ची को झाड़ियों में लेकर पहुंचा चाचा, किया गलत काम,ऐसे पकड़ाया

अघोरी बनने की प्रक्रिया

अघोरी साधु तंत्र साधना करते हैं और इनको खतरनाक और डरावने साधु माना जाता है। हालांकि, अघोरी के भीतर जनकल्याण की भावना होती है। इनकी सबसे बड़ी पहचान यह है कि वे कभी किसी से कुछ नहीं मांगते। लोग श्मशान, लाश, मुर्दे, मांस और कफन से घृणा करते हैं, लेकिन अघोरी इन्हें अपनाते हैं। अघोरी बनने के लिए शिष्य को तीन महत्वपूर्ण परीक्षाओं से गुजरना पड़ता है:

READ MORE: CG Breaking : गरियाबंद जिले के कुल्हाड़ी घाट में सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़, 1 नक्सली ढेर, 1 जवान घायल

1. पहली परीक्षा: शिष्य को एक योग्य गुरु की तलाश करनी होती है और गुरु के हर निर्देश का पालन करना होता है। इस दौरान गुरु द्वारा बीज मंत्र दिया जाता है, जिसे हिरित दीक्षा कहते हैं।

2. दूसरी परीक्षा: गुरु शिष्य को शिरित दीक्षा देते हैं, जिसमें गुरु शिष्य के हाथ, गले और कमर पर काला धागा बांधते हैं और शिष्य को जल का आचमन कराकर कुछ आवश्यक नियमों के बारे में बताते हैं।

3. तीसरी परीक्षा: शिष्य को रंभत दीक्षा प्राप्त होती है, जिसमें गुरु से जीवन और मृत्यु के अधिकार को सौंपना पड़ता है। इस दौरान शिष्य को कई कठिन परीक्षाओं का सामना करना पड़ता है। सफल होने के बाद गुरु शिष्य को अघोर पंथ के गहरे रहस्यों से परिचित कराते हैं। Aghori Baba

READ MORE: MP NEWS : स्टेशन पर चलती ट्रेन में बेहोश हुई 2 साल की किशोरी,आरपीएफ जवान ने तत्परता दिखाकर बचाई जान

अघोरी साधु कौन होते हैं?

अघोरी साधु ‘अघोर पंथ’ के अनुयायी होते हैं और वे श्मशान जैसी जगहों पर साधना करते हैं। इनका मुख्य उद्देश्य जीवन और मृत्यु के रहस्यों को समझना होता है। अघोरी साधु अपने साथ नरमुंड रखते हैं, जो जीवन और मृत्यु के चक्र का प्रतीक है। ये मांसाहारी होते हैं और कच्चा मांस खाते हैं। अघोरी साधु भगवान शिव के भैरव स्वरूप की पूजा करते हैं और तंत्र साधना करते हैं। वे आमतौर पर काले वस्त्र पहनते हैं, हालांकि कुछ निर्वस्त्र भी होते हैं। Aghori Baba

READ MORE: Big Boss 18 : करणवीर मेहरा बने बिग बॉस 18′ के विनर, चमचमाती ट्रॉफी के साथ मिली लाखों की प्राइज मनी, विवियन डीसेना रहे रनर अप

नागा साधु कौन होते हैं?

नागा साधु धर्म के रक्षक होते हैं और समाज में धर्म का प्रचार करते हैं। इनकी परंपरा की शुरुआत 8वीं सदी में आदिगुरु शंकराचार्य ने की थी। ये साधु अखाड़ों में रहते हैं और अपना जीवन अनुशासन और भक्ति में बिताते हैं। नागा साधु मांस और शराब का सेवन नहीं करते और उनका जीवन पूरी तरह से साधना और भक्ति के लिए समर्पित होता है। ये कठिन तपस्या करते हैं और शरीर पर भस्म लगाते हैं।

क्या खाते हैं नागा साधु और अघोरी बाबा?

नागा साधु एक दिन में केवल एक बार भोजन करते हैं और भिक्षा मांग कर खाते हैं। अगर उन्हें भिक्षा नहीं मिलती तो वे भूखे रह जाते हैं। वे एक दिन में केवल सात घरों से भिक्षा ले सकते हैं। वहीं, अघोरी मांसाहारी होते हैं और वे जानवरों का कच्चा मांस खाते हैं। Aghori Baba

READ MORE: Mahakumbh 2025 : शिवजी पर जल चढ़ाने की परंपरा और महाकुंभ से जुड़ी कथा, पढ़िए खबर

अघोरियों की साधना

अघोरी साधना श्मशान में होती है, जहां वे भगवान शिव की पूजा करते हैं। वे तांत्रिक क्रियाएं करने के लिए शवों के ऊपर बैठकर या खड़े होकर साधना करते हैं। शव साधना के दौरान वे शवों को भोग भी अर्पित करते हैं। श्मशान में साधना करना अघोरियों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। इनके प्रमुख साधना स्थल कामाख्या पीठ, त्र्यम्बकेश्वर और उज्जैन के चक्रतीर्थ के श्मशान हैं।

नागा साधुओं की पूजा विधि

नागा साधु शिवलिंग पर जल, भस्म और बेल पत्र चढ़ाते हैं। वे आग और भस्म से भी भगवान शिव की पूजा करते हैं। महाकुंभ जैसे आयोजनों के बाद, ये साधु हिमालय में ध्यान और योग के माध्यम से भगवान शिव में लीन हो जाते हैं। Aghori Baba

READ MORE: Big Breaking : महाकुंभ मेले में सिलेंडर ब्लास्ट, 25 टेंट जलकर खाक…दमकल की आधा दर्जन गाड़ियां बुझा रही आग

Chhagan Sahu

नमस्कार दोस्तों, मेरा नाम छगन साहू है और मैं भारत का रहने वाला हूँ। अब मैं viralchhattisgarh.com की मदद से आपको छत्तीसगढ़ समाचार और कई अन्य चीजों से जुड़ी हर जानकारी बताने के लिए तैयार हूं। धन्यवाद

Related Articles

Back to top button