CG News : स्वास्थ्य सुविधाओं में अनदेखी! करोड़ों की मशीनें बेकार, प्रसव के लिए टॉर्च का सहारा…
CG News : Neglect in health facilities! Machines worth crores useless, torches are used for delivery...

रामकुमार भारद्वाज, कोण्डागांव | CG News : राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन और डीएमएफ (जिला खनिज संस्थान न्यास) के तहत केंद्र और राज्य सरकारें प्रदेश में करोड़ों-अरबों रुपये का बजट स्वास्थ्य विभाग को उपलब्ध कराती हैं, ताकि आम लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिल सकें। लेकिन, जिम्मेदार अधिकारियों की उदासीनता और भ्रष्टाचार के कारण बुनियादी स्वास्थ्य सेवाओं से आम जनता वंचित रह जाती है। CG News
स्वास्थ्य विभाग के लिए विभिन्न मदों से मिलने वाले बजट का उपयोग मुख्य रूप से योजनाएं बनाने और सामग्री खरीदने तक ही सीमित रह जाता है, क्योंकि इससे बड़े पैमाने पर कमीशनखोरी होती है। लेकिन इन खरीदी गई सामग्रियों का वास्तविक लाभ आम जनता तक नहीं पहुंच पाता। नतीजतन, करोड़ों रुपये के उपकरण बिना उपयोग के पड़े-पड़े कबाड़ बन जाते हैं और दवाइयां समय सीमा समाप्त होने के कारण नष्ट कर दी जाती हैं। CG News
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कोंडागांव के स्वास्थ्य केंद्रों की दयनीय स्थिति
ऐसी ही स्थिति कोंडागांव जिले के दूरस्थ क्षेत्रों के स्वास्थ्य केंद्रों—कडेनार, कुधुर और हड़ेली—में देखी गई, जहां लाखों रुपये की लागत से खरीदे गए जनरेटर और इनवर्टर तो मंगवा लिए गए, लेकिन वे आज भी अनुपयोगी पड़े हैं। स्थिति यह है कि जब बिजली चली जाती है, तो स्वास्थ्य कर्मचारी टॉर्च या मोबाइल फ्लैशलाइट की मदद से प्रसव कराने को मजबूर होते हैं।
12.26 लाख रुपये के जनरेटर, लेकिन कोई उपयोग नहीं
वित्तीय वर्ष 2020-21 में डीएमएफ मद से 12.26 लाख रुपये की लागत से जनरेटर खरीदे गए थे, ताकि उन क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाएं बेहतर की जा सकें, जहां अक्सर बिजली चली जाती है। लेकिन, पिछली सरकार द्वारा खरीदे गए ये जनरेटर कभी उपयोग में नहीं लाए गए। वे स्वास्थ्य केंद्रों में रखे-रखे कबाड़ में तब्दील हो रहे हैं, जबकि बिजली कटौती के दौरान प्रसव कराने के लिए स्वास्थ्यकर्मी आज भी टॉर्च का सहारा ले रहे हैं। CG News
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गंभीर बात यह है कि सप्लाई के बाद से ही बंद पड़े इन जनरेटरों की गुणवत्ता पर भी सवाल उठ रहे हैं। आशंका है कि कमीशनखोरी के चलते इनमें घटिया सामग्री का इस्तेमाल किया गया होगा। वर्तमान सरकार के कार्यकाल में भी इन क्षेत्रों की स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ है।
इनवर्टर भी भेजे गए, लेकिन इंस्टॉलेशन नहीं हुआ
जनरेटर के बाद स्वास्थ्य केंद्रों में इनवर्टर भी भेजे गए, लेकिन अब तक उनका इंस्टॉलेशन ही नहीं हुआ। उप स्वास्थ्य केंद्र कडेनार की कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर उर्वशी और हड़ेली की नेहा पात्र ने बताया कि इन जनरेटरों को उनके पोस्टिंग से पहले भेजा गया था, लेकिन तब से लेकर आज तक उन्हें कभी उपयोग में नहीं लाया गया। वे यह भी नहीं जानतीं कि वे चालू स्थिति में हैं या बंद, क्योंकि किसी ने भी उन्हें चालू करवाने की कोशिश नहीं की। CG News
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इन केंद्रों में इनवर्टर भी मौजूद हैं, लेकिन उनके इंस्टॉलेशन न होने के कारण वे भी बेकार पड़े हैं। अंदरूनी क्षेत्रों में अक्सर बिजली कटौती होती रहती है, जिससे स्वास्थ्य सेवाएं बुरी तरह प्रभावित होती हैं।
क्या कहते हैं अधिकारी?
इस मामले में जब मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (CMHO) डॉ. आरके सिंह से बात की गई, तो उन्होंने स्वीकार किया कि जनरेटर उनके पदस्थापना से पहले के हैं। लेकिन, 24 घंटे स्वास्थ्य केंद्रों में बिजली की वैकल्पिक व्यवस्था को लेकर वे कोई ठोस जवाब नहीं दे सके।
वहीं, खंड चिकित्सा अधिकारी (BMO) डॉ. हरेंद्र बघेल ने बताया कि उप स्वास्थ्य केंद्रों में हर महीने तीन से चार प्रसव के मामले आते हैं, लेकिन जनरेटर और अन्य बिजली व्यवस्था को लेकर उनके पास भी कोई स्पष्ट जानकारी नहीं थी। CG News