Information : ट्रेन के डिब्बे अलग-अलग रंग के क्यों होते है? क्या है इसके पीछे की असली वजह, एक क्लिक में ले महत्तपपूर्ण जानकारी…

नई दिल्ली। Information : ट्रेन से सफर करते वक्त आपने गौर किया होगा कि, ट्रेन के डिब्बों का रंग अलग-अलग होता है, और आप इसके पीछे की वजह के बारे में भी सोचते होंगे। ऐसे में अगर आप भी इसके बारे में नहीं जानते हैं ? तो आज हम आपको इसी बारे में बताने जा रहे हैं…
दरअसल ट्रेन के डिब्बे अलग-अलग रंग के होते हैं, और इसके पीछे कई कारण होते हैं। सबसे पहला कारण सुरक्षा से संबंधित है। विभिन्न रंगों का उपयोग यात्रियों के लिए ट्रेन के डिब्बों को आसानी से पहचानने में मदद करता है। विशेष रूप से बड़े रेलवे नेटवर्क में, जहां एक ही रूट पर कई ट्रेनें दौड़ती हैं, अलग-अलग रंगों के डिब्बे यात्रियों को यह पहचानने में मदद करते हैं कि वे सही ट्रेन में चढ़ रहे हैं या नहीं। इससे यात्रा के दौरान भ्रम की स्थिति नहीं उत्पन्न होती।
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Information : दूसरा कारण कार्यक्षमता से जुड़ा है। रेलवे कंपनियां आमतौर पर रंगों का चुनाव यात्रियों की जरूरतों और सुरक्षा को ध्यान में रखकर करती हैं। उदाहरण के लिए, लाल रंग को अक्सर उच्च सुरक्षा और आपातकालीन संकेतों के लिए इस्तेमाल किया जाता है, क्योंकि यह तुरंत ध्यान आकर्षित करता है। वहीं, नीला रंग शांति और आराम को दर्शाता है, इसलिए अक्सर आरामदायक डिब्बों के लिए इस्तेमाल होता है।
Information : राजधानी- शताब्दी जैसी ट्रेन के डिब्बे होते हैं लाल
रेल के लाल रंग के कोच पंजाब के कपूरथला में तैयार किए जाते हैं। इन कोच का इस्तेमाल राजधानी, शताब्दी जैसी ट्रेनों के लिए किया जाता है, जिनकी स्पीड तेज होती है।
Information : गरीब रथ के डिब्बों पर हरे रंग का इस्तेमाल
वही, नीले रंग के कोच ICF कोच होते हैं. ऐसे कोच मेल, सुपरफास्ट और एक्सप्रेस टेनों में लगाए जाते हैं। इसी तरह गरीब रथ ट्रेन में हरे रंग के डिब्बों का इस्तेमाल होता है, जबकि भूरे रंग के डिब्बों का इस्तेमाल मीटर गेज की ट्रेनों में किया जाता है।