Chhattisgarh

Local News : आलोक श्रोती ने प्राइवेट स्कूलों के खिलाफ खोला मोर्चा, जिला शिक्षा अधिकारी से की शिकायत

राजनांदगांव/जितेंद्र जैन जीतूLocal News : जो काम प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को करना था उस जटिल कार्य का जिम्मा नगर निगम राजनांदगांव के शिक्षा विभाग के एम आई सी मेंबर और वार्ड पार्षद आलोक श्रोती ने उठाया है। शहर के निजी प्राइवेट स्कूलों में प्राइवेट पब्लिकेशन की किताबों को महंगे दामों पर खरीदने के लिये पालकों पर दबाव बनाया जा रहा हैं। इसे लेकर आलोक श्रोती ने जिला शिक्षा अधिकारी से शिकायत की है।

छत्तीसगढ़ राज्य में नक्सलवाद, शिक्षा, और स्वास्थ्य इन तीन अहम मामलों में हमारी स्थिति राज्य बनने के 25 साल बाद भी काफी दयनीय है। नक्सलवाद को लेकर अब सरकार जगी हैं और सुरक्षा बल लगातार नक्सलियों को उड़ा रहे है।लेकिन शिक्षा और स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर आज भी राज्य सरकार खास कर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय जी गंभीर नहीं हैं। राज्य में सरकारी अस्पताल और सरकारी शिक्षा का हाल किसी से छुपा नहीं है।

Read More : Local News : प्रदेश के तीन नामी गिरामी निजी कालेजों पर गिरी गाज, लगा 10-10 लाख रुपया जुर्माना

Local News : शासन हर साल बजट में इन दोनों विभागों पर अरबों खरबों खर्च करती हैं बावजूद उसके सरकारी अस्पतालों में अच्छे डाक्टर, रेडियो लॉजिस्ट, टेक्नीशियन और जरूरत की मशीनों के अलावा दवाईयों का अभाव बना रहता है। ऐसा ही कुछ हाल राज्य की सरकारी शिक्षा व्यवस्था का है। जिसके चलते प्राइवेट स्कूलों की चांदी हो गई हैं। शिक्षा और स्वास्थ के नाम पर पूरे प्रदेश में लुट मची हुई हैं। बावजूद उसके सरकार के मुखिया को इस बात की कतई चिंता नहीं है जबकि शिक्षा विभाग खुद मुख्य मंत्री जी के पास है। लोग महंगे इलाज के चलते मरते हैं तो मर जाये..।

नर्सरी की किताबें दो हजार में बिक रही है तो बिकने दो… हर साल एडमिशन फीस के नाम पर प्राइवेट स्कूलों में मोटी रकम वसूली जा रही हैं वसूलने दो.. इसके अलावा ड्रेस, जूते,मोजे, टाई, इन चीजों को मन माफिक दामों पर बेचा जा रहा हैं तो बेचने दो .. जनता इनसे त्रस्त हो कर चिल्ला रही हैं तो चिल्लाने दो.. लगता हैं प्रदेश के मुख्यमंत्री को आप की इस ज्वलंत समस्या से कोई लेना देना नहीं है।

Read More : Local News : प्रदेश के तीन नामी गिरामी निजी कालेजों पर गिरी गाज, लगा 10-10 लाख रुपया जुर्माना

Local News : हर वर्ष प्राइवेट स्कूलों की मनमानी को लेकर अखबार वाले बड़ी बड़ी खबरें प्रकाशित करते हैं। मंत्री और अधिकारी हर साल कहते हैं प्राइवेट स्कूलों की मनमानी पर अंकुश लगाया जायेगा।लेकिन समस्या जस की तस बनी हुई हैं। जिससे ऐसा प्रतीत होता है कि सरकार प्रदेश की जनता से ये कहना चाह रही हैं कि हमने जगह जगह सरकारी स्कूल खोल रखे हैं वहां पढ़ाओ अपने बच्चों को..। हर जिला मोहल्ले में सरकारी अस्पताल खोल रखे वहां कराओ अपना और अपने परिवार वालों का इलाज…। क्या जरूरत है आपको प्राइवेट स्कूलों में अपने बच्चों को पढ़ाने की..? और क्या जरूरत हैं प्राइवेट अस्पतालों में अपने परिवारजनों को इलाज के लिए ले जाने की..?

Chhagan Sahu

नमस्कार दोस्तों, मेरा नाम छगन साहू है और मैं भारत का रहने वाला हूँ। अब मैं viralchhattisgarh.com की मदद से आपको छत्तीसगढ़ समाचार और कई अन्य चीजों से जुड़ी हर जानकारी बताने के लिए तैयार हूं। धन्यवाद

Related Articles

Back to top button