Surajpur News : कुदरगढ़ महोत्सव बना राजनीति अखाड़ा, स्थानीय जनप्रतिनिधियों की हो रही उपेक्षा, न्यास ट्रस्ट पर लगा भेद भाव का आरोप
Surajpur News : कुदरगढ़ महोत्सव बना राजनीति अखाड़ा, स्थानीय जनप्रतिनिधियों की हो रही उपेक्षा, न्यास ट्रस्ट पर लगा भेद भाव का आरोप

Surajpur News : सूरजपुर : सूरजपुर चैत्र नवरात्र के अवसर पर मां बागेश्वरी धाम कुदरगढ़ में आज से आयोजित होने वाले तीन दिवसीय कुदरगढ़ महोत्सव में कुदरगढ़ क्षेत्र के नवनिर्वाचित जनपद सदस्य बाबूलाल सिंह मरापो का ने उपेक्षा का आरोप जिला प्रशासन व कुदरगढ़ लोक न्यास ट्रस्ट के उपर लगाएं हैं। उन्होंने मीडिया को बताया कि कुदरगढ़ मेला व महोत्सव जिले का सबसे बड़ा आयोजन है। ऐसे में प्रशासन व ट्रस्ट के द्वारा क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा समझ से परे है। उन्होंने यह भी कहा कि आयोजन में अन्य जनप्रतिनिधियों को बराबर महत्व दिया जा रहे हैं, लेकिन उनके अकेले की उपेक्षा की गई है। महोत्सव में शामिल होने के लिए उन्हें निमंत्रण तक नहीं दिया गया है।
Surajpur News : जिसको लेकर जिपं सदस्य बाबूलाल सिंह मरापो व उनके समर्थकों में रोष भी व्याप्त है। समर्थकों का कहना है कि भाजपा के शासन काल में क्षेत्र के सबसे बड़े आयोजन में स्थानीय जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा करना कहां तक सही है। वहीं लोगों का यह भी आरोप है और इसकी लिखि में प्रार्थी ने शिकायत भी की है कि कुदरगढ़ ट्रस्ट व प्रशासन के द्वारा टेण्डर प्रक्रिया व दुकान आबंटन में आपसी सांठगांठ से अपने चहेतों को पूरा काम दिया गया है। बहरहाल जिपं सदस्य बाबूलाल सिंह मरापो व उनके समर्थकों ने जिला प्रशासन व कुदरगढ़ लोक न्यास ट्रस्ट के उपर खुद के उपेक्षा करने के आरोप लगाते हुए कार्यप्रणाली पर नाराजगी व्यक्त की है।
Surajpur News : हो रहा है लगातार अवहेलना
Surajpur News : कुदरगढ़ में इन दिनों राजनीति चरम सीमा पर है जिसे लेकर के क्षेत्र में चर्चा व्याप्त है, बात अगर नाका टेंडर प्रक्रिया की हो या जमीन बटवारा में शासन के आदेश का अवहेलना करने से बाज नहीं आ रहे हैं और यह बात प्रशासन को पता है.
Surajpur News : क्योकि प्रशासन के अधिकारी कर्मचारी भी हर एक जगह मौजूद हैं फिर भी इतना बड़ा लापरवाही क्यों किया जा रहा है, नाका टेंडर में भी एक व्यक्ति के द्वारा भरा गया था जहां साठ गांठ कर के उसका नाम हटाकर दूसरे व्यक्ति को दे दिया गया जबकि उसके ऊपर 2013 में चोरी का आरोप है। इन सभी बातों से ऐसा लगता है कि कुदरगढ़ देवी धाम नहीं नेताओं का अखाड़ा बन गया हो जब मन जिसे हटा दिया जाता है निमंत्रण में क्षेत्र में प्रतिनिधि का नाम नहीं दिया जाता है आखिर कार ज़िम्मेदार कौन, यह सवालिया निशान बना हुआ है ?