BREAKING NEWS : जस्टिस वर्मा के घर जांच टीम की पड़ताल, जहां मिली थी अधजली नोटों से भरी बोरियां…वहां 45 मिनट रुकी
BREAKING NEWS : Investigation team visits Justice Verma's house, where sacks full of half-burnt notes were found...stayed there for 45 minutes

नई दिल्ली | BREAKING NEWS : दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस यशवंत वर्मा के 30, तुगलक क्रेसेंट स्थित आवास पर मंगलवार दोपहर सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित तीन सदस्यीय जांच समिति पहुंची। यह टीम उस स्टोर रूम की जांच के लिए गई, जहां 500-500 के नोटों से भरी अधजली बोरियां मिली थीं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, टीम वहां करीब 45 मिनट तक रही। जांच दल में पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस शील नागू, हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस जी.एस. संधावालिया और कर्नाटक हाईकोर्ट की जस्टिस अनु शिवरामन शामिल हैं। BREAKING NEWS
जस्टिस वर्मा का ट्रांसफर और बार एसोसिएशन का विरोध
BREAKING NEWS सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने 24 मार्च को जस्टिस वर्मा को उनके पैरेंट कोर्ट (इलाहाबाद हाईकोर्ट) वापस ट्रांसफर करने की सिफारिश की थी। इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने इस फैसले का विरोध करते हुए अनिश्चितकालीन हड़ताल की घोषणा की।
इससे पहले, 23 मार्च को दिल्ली हाईकोर्ट ने जस्टिस वर्मा से सभी कार्यभार वापस ले लिए थे। इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने एक बैठक बुलाकर जस्टिस वर्मा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाने और मामले की जांच ED तथा CBI से कराने की मांग की थी।
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कैसे सामने आया मामला?
BREAKING NEWS 14 मार्च की रात जस्टिस वर्मा के घर में आग लगी, जिसके बाद स्टोर रूम में 500-500 के नोटों से भरी अधजली बोरियां पाई गईं। कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने यह मामला राज्यसभा में उठाया, जिसके बाद न्यायिक जवाबदेही पर बहस शुरू हुई।
22 मार्च को सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस (CJI) संजीव खन्ना ने इस मामले की आंतरिक जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति का गठन किया और दिल्ली हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस को निर्देश दिया कि वे जस्टिस वर्मा को कोई नया कार्य न सौंपें।
मामले में अब तक की बड़ी घटनाएं-
14 मार्च: जस्टिस वर्मा के घर आग लगी, जले हुए नोटों से भरी बोरियां मिलीं।
22 मार्च: सुप्रीम कोर्ट ने मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति गठित की।
23 मार्च: जस्टिस वर्मा को सभी न्यायिक कार्यों से हटाया गया।
24 मार्च: सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने जस्टिस वर्मा के इलाहाबाद हाईकोर्ट ट्रांसफर की सिफारिश की।
25 मार्च: जांच समिति ने जस्टिस वर्मा के घर का दौरा किया।
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जस्टिस वर्मा का बयान
BREAKING NEWS जस्टिस वर्मा ने अपने जवाब में कहा कि जिस स्टोर रूम में नोटों की गड्डियां मिलने की बात कही जा रही है, वहां उन्होंने या उनके परिवार ने कभी पैसे नहीं रखे। उनका कहना है कि उन्हें इस मामले में फंसाया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि जिस दिन आग लगी, उस समय वह और उनकी पत्नी भोपाल में थे। उनकी बेटी और वृद्ध मां घर पर थीं। आग बुझाने के बाद किसी को वहां नकदी नहीं मिली थी। जब उन्हें वीडियो और तस्वीरें दिखाई गईं, तो उन्होंने इसे “षड्यंत्र” करार दिया।
CJI के 3 बड़े सवाल
इतना कैश जस्टिस वर्मा के घर कैसे पहुंचा?
रकम का स्रोत क्या है?
15 मार्च की सुबह जले हुए नोटों को कमरे से हटाने वाला कौन था?
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CJI के 3 आदेश
घर के सिक्योरिटी ऑफिसर्स और गार्ड की पूरी डिटेल दी जाए।
जस्टिस वर्मा की पिछले 6 महीने की कॉल डिटेल की जांच हो।
जस्टिस वर्मा अपने फोन से कोई डेटा या मैसेज डिलीट न करें।
आगे की कार्रवाई
BREAKING NEWS अगर जांच समिति इस नतीजे पर पहुंचती है कि आरोप सही हैं, तो CJI संजीव खन्ना जस्टिस वर्मा को इस्तीफा देने या स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेने की सलाह देंगे। अगर वे इसे अस्वीकार करते हैं, तो उनके खिलाफ महाभियोग की प्रक्रिया शुरू की जा सकती है।