CG Crime : मानव-तस्करी गिरोह का पर्दाफाश! बांग्लादेश के छत्तीसगढ़ आकर दिया वारदात को अंजाम, फर्जी आधार-पैन कार्ड बरामद…

महासमुंद। CG Crime : छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले में पुलिस ने चोरी और मानव तस्करी से जुड़े एक अंतरराज्यीय गिरोह का भंडाफोड़ किया है। लगातार हो रही चोरी की घटनाओं की जांच में पुलिस को दो बांग्लादेशी नागरिकों की संलिप्तता मिली, जिससे यह मामला और भी गहरा हो गया।
महासमुंद जिले के बसना, सांकरा और सरायपाली थाना क्षेत्रों में पिछले कुछ महीनों से लगातार चोरी की घटनाएं हो रही थीं। जनवरी में बसना में एक घर से 5 लाख रुपये और फरवरी में सांकरा से 4.43 लाख रुपये के गहने व नकदी चोरी हो गए। कुल 9 चोरी की घटनाओं के बाद पुलिस ने इन अपराधों की गहराई से जांच शुरू की।
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CG Crime : CCTV और तकनीकी जांच से मिला सुराग
पुलिस ने इन वारदातों की जांच के लिए CCTV फुटेज और अन्य तकनीकी माध्यमों का सहारा लिया। छानबीन के दौरान सरायपाली के एक लॉज में संदिग्ध गतिविधियों का पता चला। पुलिस ने छापा मारकर दो बांग्लादेशी नागरिक मिलन मंडल (40) और मोहम्मद शफीक शेख उर्फ बाबू शेख (43) को गिरफ्तार किया।
CG Crime : पश्चिम बंगाल में चोरी का सामान बेचा जाता था
पूछताछ में खुलासा हुआ कि चोरी का माल बांग्लादेश में मिलन मंडल की पत्नी तक पहुंचाया जाता था। इसमें अफसर मंडल नामक व्यक्ति की भूमिका अहम थी। अफसर मंडल पश्चिम बंगाल में रहता था और मिलन को भारत में अवैध रूप से प्रवेश करने में मदद करता था। चोरी का सामान पश्चिम बंगाल के दिनाजपुर निवासी जयदेव करमाकर को बेचा जाता था, जिससे नकद राशि प्राप्त की जाती थी।
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CG Crime : हवाला नेटवर्क का पर्दाफाश
मामले की जांच में हवाला लेन-देन का भी खुलासा हुआ। चोरी की रकम को बांग्लादेश तक पहुंचाने के लिए हवाला का इस्तेमाल किया जाता था। पुलिस ने पश्चिम बंगाल में दबिश देकर अफसर मंडल और जयदेव करमाकर को गिरफ्तार कर लिया। इनके पास से चोरी के गहने भी बरामद हुए।
CG Crime : फर्जी दस्तावेजों का सहारा
गिरफ्तार आरोपी मिलन मंडल ने बताया कि वह 2003 से चोरी कर रहा है। उसने 2015 में पश्चिम बंगाल के पुरुलिया में दलाल शब्बीर की मदद से फर्जी पैन कार्ड और 2016 में कर्नाटक के हुगली में दलाल हसन की सहायता से आधार कार्ड बनवाया था। वह पहले भी छत्तीसगढ़ के कई शहरों में चोरी की घटनाओं में शामिल रहा है और रायगढ़ में जेल की सजा काट चुका है।
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CG Crime : मानव तस्करी का भी मामला उजागर
पुलिस की गहराई से की गई पूछताछ में पता चला कि अफसर मंडल न केवल चोरी के नेटवर्क में शामिल था, बल्कि मानव तस्करी में भी लिप्त था। वह 50-60 लोगों को अवैध रूप से भारत में घुसपैठ करवाने और यहां से बांग्लादेश भेजने में शामिल रहा है।
CG Crime : बॉर्डर पार ऐसे होती थी पैसों की हेराफेरी
मिलन मंडल ने चोरी के 18 लाख रुपये बांग्लादेश में अपनी पत्नी तक पहुंचाए। इसमें 8.30 लाख रुपये नकद और गहने बेचकर मिले 9.60 लाख रुपये शामिल थे। पैसों को सीमा पार कराने के लिए पश्चिम बंगाल के दक्षिण दिनाजपुर निवासी गणेश वर्मन की मदद ली जाती थी, जो महिलाओं को इस काम में इस्तेमाल करता था। महिलाएं खेती के बहाने बॉर्डर पार कर कपड़ों में छिपाकर नकदी बांग्लादेश ले जाती थीं। वहां से यह रकम एजेंट फिरदौस के माध्यम से मिलन मंडल की पत्नी तक पहुंचाई जाती थी।