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Dr. Bharat Bajpai : ये हैं छुट्टी नहीं लेने वाले डॉक्टर…18 साल से नहीं लिया अवकाश, 15000 से अधिक पोस्टमार्टम, पढ़िए कौन है डॉ भरत वाजपेयी

Dr. Bharat Bajpai : ये हैं छुट्टी नहीं लेने वाले डॉक्टर…18 साल से नहीं लिया अवकाश, 15000 से अधिक पोस्टमार्टम, पढ़िए कौन है डॉ भरत वाजपेयी

Dr. Bharat Bajpai : इंदौर: गोविंद वल्लभ पंत जिला अस्पताल के पोस्टमार्टम विभाग में तैनात मेडिकल डॉ. भरत बाजपेयी (64) अपनी समर्पण भावना और कार्यशैली के लिए प्रसिद्ध हैं। उनके केबिन के बाहर लिखी गई पंक्तियां “यहां मृत्यु जीवितों की मदद के लिए आती है। और क्या आप परिणामों के डर से सत्य नहीं बोलेंगे?” उनके काम के प्रति दृष्टिकोण को स्पष्ट करती हैं।

Dr. Bharat Bajpai : 18 वर्षों में 15,000 से अधिक पोस्टमार्टम, बिना छुट्टी लिए काम

Dr. Bharat Bajpai : डॉ. बाजपेयी ने पिछले 18 वर्षों में 15,000 से अधिक पोस्टमार्टम किए हैं। खास बात यह है कि इस दौरान उन्होंने एक भी दिन स्वेच्छा से अवकाश नहीं लिया। केवल 2019 में ब्रेन स्ट्रोक के कारण उन्हें एक महीने की मेडिकल लीव लेनी पड़ी थी, लेकिन वे जल्दी ठीक होकर फिर से काम में लौट आए। उनके इस समर्पण के कारण उनका नाम लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज हुआ है।

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Dr. Bharat Bajpai : 2006 में जब एमवाय अस्पताल में शवों की संख्या बढ़ने लगी, तब धार रोड स्थित गोविंद वल्लभ पंत जिला अस्पताल में पोस्टमार्टम की सुविधा शुरू की गई और इसकी जिम्मेदारी डॉ. भरत बाजपेयी को सौंपी गई। तब से उन्होंने बिना किसी स्वेच्छिक अवकाश के काम किया। उनके इस समर्पण के चलते 2011 में उन्हें लगातार 5 साल तक बिना छुट्टी के काम करने के लिए लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में स्थान मिला। इसके बाद 8 साल तक बिना अवकाश के काम करने पर उन्हें दोबारा यह सम्मान मिला।

Dr. Bharat Bajpai : बेटे की शादी के दिन भी किए दो पोस्टमार्टम

Dr. Bharat Bajpai : डॉ. बाजपेयी ने अपने बेटे की शादी के दिन भी दो शवों का पोस्टमार्टम किया, जो उनकी कर्तव्यनिष्ठा का प्रमाण है। वे कहते हैं, “जब मैंने किसी कार्य को स्वीकार किया है, तो उसे पूरा करना मेरी नैतिक जिम्मेदारी है।”

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Dr. Bharat Bajpai : डॉ. बाजपेयी के लिए सबसे कठिन समय तब होता है जब उन्हें नवजात या छोटे बच्चों का पोस्टमार्टम करना पड़ता है। वे कहते हैं, “जब किसी मासूम की मौत होती है, जिसने अभी दुनिया भी नहीं देखी, तो उसे देखना बेहद कठिन होता है। हालांकि, न्याय दिलाने के लिए पोस्टमार्टम जरूरी होता है, लेकिन दिल में गहरी पीड़ा होती है।”

Dr. Bharat Bajpai : हर दिन तीन पोस्टमार्टम करते हैं डॉ. बाजपेयी

Dr. Bharat Bajpai : औसतन, डॉ. बाजपेयी हर दिन तीन शवों का पोस्टमार्टम करते हैं। उनके लिए यह केवल एक चिकित्सा प्रक्रिया नहीं, बल्कि न्याय की दिशा में एक अहम कदम है। उनके इस योगदान को देखते हुए चिकित्सा क्षेत्र में उन्हें एक प्रेरणास्त्रोत माना जाता है।

Mahendra Sahu

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