Health News : छत्तीसगढ़ में पहली बार जागते हुए मरीज की क्रैनियोटॉमी और न्यूरोमॉनिटरिंग तकनीक से ब्रेन ट्यूमर की हुई सर्जरी
एमएमआई नारायणा हेल्थ अस्पताल ने चिकित्सा क्षेत्र में नई ऊंचाईयों को छुआ

रायपुर. Health News : वर्तमान में चिकित्सा सेवा में उत्कृष्टता का अंदाज इस बात से लगाया जा सकता है कि अब जागते हुए मरीज का ब्रेन ट्यूमर जैसे गंभीर मर्ज का इलाज भी किया जा सकता है. इस कार्य का कामयाब प्रदर्शन एमएमआई नारायणा हेल्थ अस्पताल रायपुर ने किया है. इस तरह आधुनिक तकनीक और सामूहिक प्रयासों के माध्यम से चिकित्सा क्षेत्र में नई ऊंचाईयों को छुआ है. चिकित्सा सेवा के इस उन्नत प्रक्रिया 25 वर्षीय मरीज के लिए ना केवल नई उम्मीदें लेकर आई बल्कि यह इस मर्ज के दूसरे मरीजों के लिए भी नई संभावनाओं को खोला है. एमएमआई नारायणा हेल्थ अस्पताल रायपुर ने छत्तीसगढ़ में पहली बार जागते हुए मरीज की क्रैनियोटामी और न्यूरोमॉनिटरिंग तकनीक का उपयोग करते हुए ब्रेन ट्यूमर हटाने की सर्जरी में कामयाबी हासिल की है.
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Health News : इस सर्जरी का नेतृत्व डॉ. घनश्याम ससापारधी ने किया, जो ब्रेन ट्यूमर सर्जरी में विशेषज्ञ हैं. वे मरीज का ऑपरेशन करते हुए उनसे बात करते रहे और अपने शरीर के भागों को गतिविधि करने के लिए लगातार कहते रहे. ताकि मरीज के मस्तिष्क की गतिविधियों में निगरानी करने में मदद मिलती रहे.
ज्ञात हो कि मरीज के उस हिस्से में बोलने और शरीर के दाहिने हिस्से की गतिविधियों को नियंत्रित करता है. ट्यूमर की संवेदनशील स्थिति को ध्यान में रखते हुए डॉक्टरों ने जागते हुए क्रैनियोटोमी करने का निर्णय लिया. इस प्रक्रिया के दौरान मरीज को स्थानीय एनेस्थीसिया देकर पूरी तरह चेतना में रखा. न्यूरोमॉनिटिरिंग तकनीक ने सर्जरी को अत्याधिक सटीक और सुरक्षित बनया, जिससे स्वस्थ मस्तिष्क संरचना को किसी भी क्षति से बचाया जा सका. जिससे मरीज को लकवा से सुरक्षा होता है.
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Health News : ब्रेन ट्यूमर की एडवांस तकनीक की चिकित्सा के लिए मरीज मुंबई, हैदराबाद जैसे बड़े शहरों में जाने की जरूरत नहीं है. क्योंकि इस तकनीक की स्थानीय लेबल पर उपलब्धता ना केवल मरीज के आवश्यकतानुसार त्वरित चिकित्सा सुविधा देता है बल्कि खर्च में भी कमी लाता है. डॉ. घनश्याम ससापारधी ने कहा कि- हमें गर्व है कि हम अपने मरीजों को बिना बेहोश किये क्रैनियोटोमी सर्जरी की गई है. यह तकनीक हमें ट्यूमर को पूरी तरह हटाने में मदद करती है और मस्तिष्क के महत्वपूर्ण कार्य, जैसे बोलना याददाश्त और गतिविधियों को सुरक्षित रखने का अवसर देती है.
हॉस्पिटल के पैसिलिटी डायरेक्टर अजीत बेलमकोंडा ने कहा कि- यह सर्जरी हमारी मेडिकल टीम की उत्कृष्टता और उनकी कड़ी मेहनत का परिणाम है. हमारा लक्ष्य नवीनतम तकनीक और सहानुभूतिपूर्वक देखभाल के साथ मरीजों को सर्वोत्तम चिकित्सा सेवाएं प्रदान करना है. गौरतलब है कि सर्जरी के बाद मरीज की स्थिति में सुधार आने के साथ सर्जरी के तीसरे दिन अस्पताल से स्वस्थ होकर छुट्टी भी ले ली है. इस कामयाब मिशन में डॉ.एच.पी.सिन्हा न्यूरोलॉजिस्ट और टीम डॉ. राकेश चंद, डॉ. धर्मेश कुमार लाड एनेस्थीसियोलॉजिस्ट और टीम और डॉ. प्रदीप शर्मा क्रिटिकल केयर विशेषज्ञ और टीम की महत्वपूर्ण भूमिका रही.