Modi Government : 7 साल की सजा, 10 लाख का जुर्माना! घुसपैठ रोकने के लिए मोदी सरकार लाने जा रही है नया बिल, जानें प्रमुख प्रावधान…
Modi Government : 7 साल की सजा, 10 लाख का जुर्माना! घुसपैठ रोकने के लिए मोदी सरकार लाने जा रही है नया बिल, जानें प्रमुख प्रावधान...

नई दिल्ली | Modi Government : भारत सरकार जल्द ही “आप्रवासन और विदेशी विधेयक, 2025” (The Immigration and Foreigners Bill 2025) सदन में पेश कर सकती है, जिसका उद्देश्य अवैध घुसपैठ को रोकना और घुसपैठियों को कड़ी सजा देना है। इस बिल के ड्राफ्ट के अनुसार, यदि कोई व्यक्ति बिना वैध दस्तावेजों (वीजा और पासपोर्ट) के भारत में प्रवेश करता है, तो उसे 5 साल तक की सजा हो सकती है, साथ ही 5 लाख रुपये तक का जुर्माना भी लगाया जा सकता है। Modi Government
बिल के मुताबिक, अगर कोई विदेशी व्यक्ति फर्जी पासपोर्ट या फर्जी वीजा के जरिए भारत में प्रवेश करता है, तो उसे 2 साल से 7 साल तक की सजा हो सकती है और 10 लाख रुपये तक का जुर्माना भी लगाया जा सकता है। इसके अलावा, यदि किसी विदेशी व्यक्ति पर पुलिस को संदेह है कि उसने भारतीय न्याय संहिता की धारा 58 का उल्लंघन किया है, तो उसे बिना वारंट के गिरफ्तार किया जा सकता है। गिरफ्तारी हेड कांस्टेबल या उससे उच्च अधिकारी द्वारा की जा सकती है। Modi Government
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इस बिल में ट्रांसपोर्ट कंपनियों, जैसे हवाई जहाज और शिप कंपनियों, पर भी जिम्मेदारी तय की गई है। ये कंपनियां यह सुनिश्चित करेंगी कि वे केवल उन यात्रियों को भारत लाएं, जिनके पास सही दस्तावेज हों। यदि कोई कंपनी अवैध रूप से किसी यात्री को भारत लाती है, तो उसे 2 लाख से 5 लाख रुपये तक का जुर्माना भरना पड़ेगा, हालांकि इन कंपनियों को अपना पक्ष रखने का अवसर भी दिया जाएगा। Modi Government
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इस बिल में सरकार ने यह भी प्रावधान किया है कि विश्वविद्यालयों, अस्पतालों और अन्य संस्थाओं को, यदि वे किसी विदेशी को नौकरी या प्रवेश देते हैं, तो इसकी जानकारी सरकार को देनी होगी। इसके अलावा, सरकार सुरक्षा कारणों से विदेशी नागरिकों की आवाजाही पर प्रतिबंध लगा सकती है। इसके तहत भारत सरकार कहीं भी इमिग्रेशन पोस्ट स्थापित कर सकती है। Modi Government
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फर्जी दस्तावेजों के मामले में इमिग्रेशन अधिकारी का अंतिम निर्णय
बिल में यह भी कहा गया है कि फर्जी दस्तावेजों के मामले में इमिग्रेशन अधिकारी का निर्णय अंतिम होगा। यदि कोई विदेशी अपने वीजा की अवधि समाप्त होने के बाद भी भारत में रहता है, तो उसे 3 साल तक की सजा या 3 लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है। साथ ही, अगर कोई भारतीय नागरिक अवैध रूप से विदेशी को रहने में मदद करता है, तो उसे भी सजा दी जाएगी।
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राष्ट्रीय सुरक्षा में मजबूती
इस बिल में यह प्रावधान है कि कुछ मामलों में अपराधी को अदालत में जाने के बजाय केवल जुर्माना भरकर मामला सुलझाने की सुविधा दी जाएगी, लेकिन यह सरकारी एजेंसियां तय करेंगी कि किन मामलों में यह सुविधा दी जाएगी। यह नया बिल चार पुराने कानूनों—फॉरेनर्स एक्ट 1946, पासपोर्ट (एंट्री इन इंडिया) एक्ट 1920, रजिस्ट्रेशन ऑफ फॉरेनर्स एक्ट 1939 और इमिग्रेशन (कैरेयर्स लायबिलिटी) एक्ट 2000 को खत्म करेगा और इन सभी प्रावधानों को एक व्यापक और स्पष्ट कानून के तहत लाएगा, जिससे प्रक्रियाएं सरल और सुरक्षित होंगी। Modi Government
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भारत में प्रवेश और निकास के लिए दस्तावेज की अनिवार्यता
भारत सरकार ने पुराने कानूनों को समाप्त करके इस एक नए और प्रभावी कानून को लाने का निर्णय लिया है, क्योंकि पुराने कानूनों में कुछ प्रावधान आपस में टकराते थे, जिससे भ्रम और जटिलता पैदा होती थी। इस नए कानून का उद्देश्य विदेशियों और इमिग्रेशन से जुड़े सभी मामलों को एक ही कानून के तहत लाना है और भारत में प्रवेश और निकास के लिए पासपोर्ट और अन्य यात्रा दस्तावेजों की अनिवार्यता तय करना है। Modi Government