पालिका चुनाव विश्लेषण संदर्भ बालोद पालिका साथ नेताओं के लिए बनी गुमटी गले की फाश: राजेश चोपड़ा
पालिका चुनाव विश्लेषण संदर्भ बालोद पालिका साथ नेताओं के लिए बनी गुमटी गले की फाश: राजेश चोपड़ा

बालोद : चुनाव आयोग,शासन एवम प्रशासन द्वारा लगातार यह आश्वस्त किया जा रहा है की आगामी बीस फरवरी तक नगरीय एवम ग्रामीण चुनाव पूर्ण करा लिए जाएंगे।किंतु शनस्य अभी भी बरकरार है।शिक्षा जगत में बोर्ड की प्रे परीक्षा,प्रैक्टिकल परीक्षा सर पर है,बच्चे अभी से चिंतित है,कैसे चुनावी शोरगुल में वे अपनी तैयारी कर पाएंगे।
उधर ओबीसी खेमा पूर्णतः सरकार से नाराज है,किसान भाइयों को आश्वस्त जरूर किया गया है,अंतर की राशि को लेकर।समितियों में धान का उठाव कमजोर होने से अभी भी हजारों कृषक अपनी उपज को नहीं बेच पाए है।
उच्च न्यायालय में याचिका दायर किया गया है,संभवतः उसकी भी सुनवाई प्राथमिकता के आधार पर जल्द से जल्द संभव है।इन सब बातो को ध्यान में रखते हुए अभी भी अनिश्चितता की स्थिति बरकरार है।हालांकि बालोद में बीजेपी की चुनावी तैयारी जोरों पे हैं । घोषणावीर प्रभारी नपा बालोद के विधायक लगातार मंचो से करोड़ो की घोषणा कर चुके है,देखना है कि ये घोषणाएं मतदाताओं को कितना लुभा पाती है। बीजेपी संघटन अब सामाजिक सेवा में अचानक सक्रिय हो चुका है।
वन्ही कांग्रेस अभी वार्मअप में है,इंतजार में है आने वाले सही समय का तभी वो अपना पत्ता खोलेगी। दोनो पार्टी किए यह चुनाव करो लड़ो मरो जैसा है, जन्हा कांग्रेस हैट्रिक के लिए तो बीजेपी फिर से हम साथ साथ है की तर्ज पर कुर्सी के लिए दौड़ लगा रही है!वही गुमटी को लेकर नेताओं ने अपनी प्रतिष्ठा का प्रश्न बना रखा है,क्या ऐसी ओछी हरकत से पार्टी को चुनावी लाभ होगा?